
RAPE : सात साल बाद नारायण साईं को जेल से पहली बार मिली मुक्ति
सूरत. साधिका से बलात्कार के मामले में पिछले सात सालों से लाजपोर जेल में बंद उसकी माता की बीमारी के चलते हाईकोर्ट से 14 दिन की जमानत मिलने पर शनिवार को रिहा किया गया। जेल से निकलने पर नारायण साईं ने राज्य सरकार व कोर्ट का आभार माना। साथ ही लोगों को कोरोना काल में सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन करने की हिदायत दी।
उसके बाद पुलिस सुरक्षा में अहमदाबाद रवाना हुए। नारायण साईं ने अपनी माता को हद्य रोग होने के कारण उनसे मिलने के लिए मानवीय आधार पर अंतरीम जमानत याचिका दायर की थी। जिस पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट पांच हजार के बांड पर उनकी याचिका मंजूर की थी। उन्होंने पिछले साल भी दस की जमानत के लिए याचिका दायर की थी।
यहां उल्लेखनीय हैं कि कथावाचक आशाराम के पुत्र नारायण साईं ने जहांगीरपुरा स्थित आश्रम में 2003-2004 के दौरान एक साधिका से कई बार बलात्कार कर उसका यौन शोषण किया था। 2013 में इसकी शिकायत दर्ज होने पर पुलिस ने साईं को हरियाणा-पंजाब की सीमा से गिरफ्तार कर लाजपोर जेल भेज दिया था।
13 करोड़ रुपए में समूचे न्यायतंत्र को खरीदने की कोशिस की भी की थी। गवाहों पर हमले भी हुए थे। बलात्कार मामले में सुनवाई के बाद कोर्ट ने पिछले साल नारायण साईं को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। उसके पिता आशाराम को जोधपुर में साधिका से बलात्कार मामले में आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है।
Published on:
06 Dec 2020 11:27 am
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