
जियाव में बनेगा नया कोर्ट संकुल
सूरत. सभी कोर्ट को एक ही कैम्पस में लाने और ट्रैफिक तथा पार्किंग की समस्या से निपटने के लिए शनिवार को उच्च न्यायालय ने जियाव में 50 हजार चौरस मीटर जमीन संपादित करने का निर्णय किया है। चौर्यासी तहसील के जियाव गांव में सर्वे नंबर 244/ए वाली जमीन को लेकर आगे की कार्रवाई करने का अधिकार उच्च न्यायालय ने सूरत के मुख्य जिला न्यायाधीश को दिया है।
अठवालाइन्स स्थित कोर्ट कैम्पस में फिलहाल दो इमारतों में 57 कोर्ट कार्यरत हैं। जबकि फैमिली कोर्ट और ग्राहक कोर्ट अन्य कैम्पस में कार्यरत है। इन अदालतों में करीब एक लाख से अधिक केस लंबित हैं। अठवालाइन्स स्थित जिला न्यायालय कैम्पस छोटा होने से यहां वाहन पार्किंग से लेकर तमाम समस्याओं का सामना वकील, पक्षकार और न्यायपालिका को करना पड़ रहा है। वहीं, अन्य कोर्ट अलग-अलग कैम्पस में होने के कारण वकीलों को एक से दूसरी जगह दौड़भाग करनी पड़ती है। इन समस्याओं को लेकर कोर्ट बिल्डिंग के लिए बड़ी जगह आवंटित कर सभी कोर्ट एक ही जगह कार्यरत करने की मांग वकीलों की ओर से लंबे समय से की जा रही थी। इसके लिए बार एसोसिएशन की ओर से उच्च न्यायालय को भी पत्र और रू-ब-रू मिलकर बात रखी गई थी।
सूरत जिला वकील मंडल के अध्यक्ष किरीट पानवाला ने बताया कि आखिर उच्च न्यायालय ने संज्ञान लेते हुए नई कोर्ट संकुल के निर्माण के लिए हामी भर दी है। उच्च न्यायालय ने इसके लिए चौर्यासी तहसील के जियाव की सर्वे नंबर 244/ए वाली सरकारी जमीन संपादित करने के लिए मंजूरी दे दी है और जिला कलक्टर के साथ संकलन कर कार्रवाई आगे बढ़ाने के लिए सूरत जिला न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के.आर.देसाई को अधिकार दिया है। ऐसे में आगामी दिनों में जमीन संपादन की कार्रवाई पूरी होने और राज्य सरकार की ओर से भवन निर्माण को मंजूरी मिलने के बाद जियाव में विशाल कोर्ट संकुल साकार हो जाएगा।
Published on:
04 Aug 2018 09:56 pm
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