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Motor vehicle act;नए मोटर व्हीकल एक्ट का खौफ : छुट्टी के दिन घूमना-फिरना छोड़ हजारों सूरती पीयूसी के लिए जगह-जगह खड़े रहे कतार में

भारी जुर्माने से बचने के लिए भागदौड़ जारी, बढ़ गई हेलमेट की बिक्री

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Motor vehicle act;नए मोटर व्हीकल एक्ट का खौफ : छुट्टी के दिन घूमना-फिरना छोड़ हजारों सूरती पीयूसी के लिए जगह-जगह खड़े रहे कतार में

Motor vehicle act;नए मोटर व्हीकल एक्ट का खौफ : छुट्टी के दिन घूमना-फिरना छोड़ हजारों सूरती पीयूसी के लिए जगह-जगह खड़े रहे कतार में

सूरत. गुजरात में संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट सोमवार से लागू हो जाएगा। इसको लेकर रविवार को सूरत के वाहन चालकों में काफी सरगर्मी रही। छुट्टी का दिन होने के बावजूद रविवार को शहर के पीयूसी सेंटर्सपर वाहन चालकों की लंबी कतारें नजर आईं। लोगों ने घूमना-फिरना छोड़ कई घंटे कतार में बिताए। शनिवार को आरटीओ में भी लाइसेंस के लिए आवेदन करने वालों की लंबी कतार लगी थी। बताया जा रहा है कि लर्निंग लाइसेंस के लिए एक महीने में जितने आवेदन आते थे, उतने एक सप्ताह के दौरान ही मिले हैं। हेलमेट खरीदने के लिए भी भीड़ उमड़ रही है।

राज्य सरकार की ओर से वाहन चालकों को राहत देते हुए पीयूसी के लिए 30 सितम्बर तक का समय दिया गया है। शहर में 31 लाख वाहनों के मुकाबले पीयूसी सेंटर सिर्फ 130 हैं। जिस तरह पीयूसी के लिए कतारें लग रही हैं, इससे स्पष्ट है कि अधिकतर वाहन चालकों के पास पीयूसी नहीं है। फिलहाल एक पीयूसी सेंटर से 200 वाहनों की पीयूसी निकाली जा रही है। ऐसे में 30 सितम्बर तक सभी वाहनों की पीयूसी निकलने को लेकर संदेह है। संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट को लेकर लोगों में आक्रोश के साथ भय का माहौल है,वहीं कुछ पीयूसी सेंटर के संचालक इसका फायदा उठाते नजर आ रहे हैं। संजय मिश्रा नाम के एक वाहन चालक ने बताया कि मोटर साइकिल की पीयूसी के लिए 20 रुपए चार्ज है, लेकिन सेंटर के संचालक दुगनी रकम वसूल रहे हैं। जिन पेट्रोल पम्प पर पीयूसी सेंटर है, उनमें से कुछ पर पीयूसी के बिना वाहन चालकों को पेट्रोल नहीं दिया जा रहा है।


गौरतलब है कि मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन के 10 दिन बाद गुजरात सरकार ने पिछले मंगलवार को ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर जुर्माने को 25 से 90 फीसदी तक कम करने का ऐलान किया था। नए मोटर व्हीकल एक्ट में राज्यों को कुछ जुर्माने घटाने का अधिकार दिया गया है। मुख्यमंत्री विजय रुपाणी का कहना है कि उनकी सरकार का लक्ष्य ज्यादा जुर्माना लेना या लोगों के खिलाफ केस दर्ज करना नहीं है, लेकिन नए कानून को कड़ी सजा बगैर लागू करना मुमकिन नहीं है। ऐसे मामलों में नरमी नहीं बरती जाएगी, जहां लोगों की जान चली गई हो। जो लोग बार-बार ट्रैफिक नियम तोड़ते हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। गुजरात सरकार ने ऐसे मामलों में जुर्माना घटाया है, जिनमें राज्य सरकार के पास उन अधिकारियों की नियुक्ति करने का अधिकार है, जो स्पॉट पर ही जुर्माना लेकर व्यक्ति को जाने दे सकते हैं। इनमें सीट बेल्ट या हेलमेट नहीं पहनना, दोपहिया पर ट्रिपलिंग, स्पीडिंग, बिना लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट गाड़ी चलाने जैसे अपराध शामिल हैं। नए एक्ट के तहत राज्य नाबालिगों के गाड़ी चलाने, शराब पीकर गाड़ी चलाने और सिग्नल तोडऩे पर लगने वाले जुर्माने को नहीं बदल सकते, इसलिए गुजरात में भी इनमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। हालांकि सरकार ने गलत साइड गाड़ी चलाने पर जुर्माना कम कर दिया है। यह मामला कोर्ट में सुलझाए जाने वाले मामलों में आता है। इसके अलावा दोपहिया पर पीछे बैठे व्यक्ति के हेलमेट नहीं पहनने पर जुर्माना हटा दिया गया है। सरकार का मानना है कि अक्सर मिडिल क्लास परिवार में पत्नी और बच्चे दोपहिया पर चलते हैं, इसलिए इस नियम में नरमी बरती गई है। माना जा रहा है कि केंद्र सरकार के फैसले के बाद चल रहे विरोध प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए लोगों का गुस्सा शांत कराने के लिए राज्य सरकार ने यह कदम उठाया है। नए नियमों के तहत हेलमेट या सीट बेल्ट पर 1000 रुपए का जुर्माना दिया जाना है, जबकि गुजरात में इसे 500 रुपए कर दिया गया है। दमकल की गाड़ी या एम्बुलेंस का रास्ता रोकने पर गुजरात में 10,000 रुपए की जगह 1,000 रुपए, दोपहिया पर ट्रिपलिंग के लिए 1,000 की जगह 100 रुपए जुर्माना वसूला जाएगा।

कइयों को अब भी परवाह नहीं

एक ओर पीयूसी सेंटर्स पर वाहन चालकों की लंबी कतारे लगी हुई थीं और हेलमेट विक्रेताओं के यहां भीड़ थी तो दूसरी ओर कई वाहन चालक ऐसे भी हैं, जिन्हें नए ट्रैफिक नियमों की परवाह नहीं है। रविवार को अधिकतर वाहन चालक बिना हेलमेट पहने मोटर साइकिल चलाते, कई रोंग साइड तो कई सिग्नल तोड़ कर गुजरते नजर आए।

कतारों ने नोटबंदी की याद दिला दी

संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट ने लोगों को एक बार फिर नोटबंदी की कतारों की याद दिला दी। पीयूसी सेंटर्स पर लंबी कतारों में लगे लोगों का कहना था कि नोटबंदी के वक्त सरकार ने जिस तरह लोगों को कतारों में खड़ा कर दिया था, अब उसी तरह की हालत है। सोशल मीडिया पर इसे लेकर कई तरह के मैसेज वायरल हो रहे हैं। इनमें लोग नए कानून और विशेष तौर पर जुर्माने की राशि को लेकर आक्रोश व्यक्त कर रहे हैं।