
सूरत-उधना के बीच झोपड़पट्टी हटाने पर अगली सुनवाई एक सितम्बर को
सूरत.
सूरत और उधना रेलवे स्टेशन के बीच रेलवे ट्रेक के किनारे बसी झोपड़पट्टियों को हटाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट से स्टे लगने के बाद बुधवार को सुनवाई हुई। इसमें सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखते हुए अगली सुनवाई की तारीख एक सितम्बर निर्धारित की है। डिमोलिशन पर लगा स्टे छह दिन बढऩे पर स्थानीय निवासियों में खुशी है।
सूरत और उधना रेलवे स्टेशन के बीच ट्रेनों की आवाजाही बढऩे और अप-डाउन के लिए दो ट्रेक होने के कारण पश्चिम रेलवे ने तीसरी लाइन बिछाने का कार्य शुरू किया है, लेकिन पिछले तीन साल से सूरत-उधना के बीच तीसरी लाइन बिछाने का कार्य अटका हुआ है। इसकी सबसे बड़ी वजह रेलवे ट्रेक किनारे बसी झोपड़पट्टियां है। गुजरात हाईकोर्ट के द्वारा 21 अगस्त को सुनवाई के दौरान फैसला रेलवे के पक्ष में दिया। इसके बाद रेलवे ने ट्रेक किनारे झोपड़पट्टी निवासियों को 24 घंटे में खाली करने का अल्टिमेटम दे दिया। दो दिन बाद मंगलवार को रेलवे ने पूरी तैयारी के साथ आंजणा फ्लाई ओवरब्रिज के पास मिलन नगर झोपड़पट्टी में डिमोलिशन का कार्य शुरू किया।
लेकिन झोपड़पट्टी निवासियों ने आनन-फानन में उत्राण-भेस्तान रेलवे झोपड़पट्टी विकास मंडल बनाकर सुप्रीम कोर्ट में स्टे के लिए याचिका दायर कर दी गई। सुप्रिम कोर्ट से 25 अगस्त, एक दिन का स्टे मिलने के बाद रेलवे ने डिमोलिशन कार्रवाई को रोक दिया था। अब सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को फिर मामले की सुनवाई शुरू हुई और न्यायाधीश ने एक सितम्बर को अगली तारीख तय की है।
ट्रेक के किनारे करीब 9 हजार से अधिक निवासी
गौरतलब है कि उत्राण से भेस्तान स्टेशन के बीच रेलवे ट्रेक के किनारे करीब 9 हजार से अधिक लोग रहते हैं। स्थानीय निवासी रेलवे की जगह से हटाए जाने के कारण मनपा और सुडा प्रशासन ने वैकल्पिक जगह की मांग कर रहे हैं।
Published on:
26 Aug 2021 10:04 pm
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