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भरूच और संजान रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की प्रधानमंत्री ने रखी आधारशिला

- 24.71 करोड़ रुपए लागत से होगा संजान रेलवे स्टेशन का विकास - प्रधानमंत्री के संबोधन को सुनने रेलवे स्टेशन पर ही की गई थी टीवी व एलईडी की व्यवस्था

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भरूच और संजान रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की प्रधानमंत्री ने रखी आधारशिला

भरूच और संजान रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की प्रधानमंत्री ने रखी आधारशिला

सूरत. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को देश में 508 स्टेशनों के पुनर्विकास की आधारशिला रखी। इसमें दक्षिण गुजरात के भरूच और वलसाड जिले की उमरगाम तहसील का संजान रेलवे स्टेशन भी शामिल हैं। रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास को बेहतर तरह से डिजाइन किया गया है। ट्रैफिक सर्कुलेशन, इंटर-मॉडल एकीकरण और यात्रियों के मार्गदर्शन के लिए दिशा-निर्देश सुनिश्चित करने के साथ-साथ आधुनिक यात्री सुविधाएं उपलब्ध करवाना हैं। स्टेशन भवनों के डिजाइन स्थानीय संस्कृति, विरासत और वास्तुकला से प्रेरित होंगे।

"अमृत भारत स्टेशन योजना" के तहत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से देशभर के 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की आधारशिला रविवार को रखी। इसमें पश्चिम रेलवे के मुंबई सेंट्रल मंडल के संजान स्टेशन तथा वडोदरा मंडल में 100 साल से अधिक पुराने भरूच स्टेशन को भी पुनर्विकास शामिल किया गया है। आधुनिक सुविधाओं से लैस संजान स्टेशन 24.71 करोड़ रुपए की लागत से विकसित किया जाएगा। इस योजना के तहत संजान और भरूच स्टेशन पर 12 मीटर चौड़े फुट ओवर ब्रिज बनाए जाएंगे। साथ ही यात्रियों के लिए बैठने की उपयुक्त जगह, रिटेल कियोस्क आदि जैसी सुविधाओं के साथ रूफ प्लाजा के रूप में सेवा उपलब्ध होगी। कार्य के अंतर्गत अग्रभाग में सुधार, स्टेशन प्रवेश द्वार, एप्रोच रोड, सर्कुलेटिंग क्षेत्र, पार्किंग क्षेत्र का सौंदर्यीकरण आदि शामिल हैं। इसमें यात्री सुविधाओं में सुधार मुख्य है। प्लेटफॉर्म एवं स्टेशन परिसरों में बेहतर प्रकाश व्यवस्था तथा दिव्यांगजन सुविधाओं के अपग्रेडेशन सहित प्लेटफ़ॉर्म सरफेसिंग, प्लेटफॉर्म कवरशेड और बुकिंग कार्यालय, साइनेज, बेहतर शौचालय ब्लॉक, प्रतीक्षा कक्ष, पीने योग्य पेयजल सुविधाएं, बैठने की व्यवस्था आदि शामिल हैं। रेलवे ने बताया है कि पुनर्विकसित होने वाले 508 स्टेशन 27 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में हैं, जिन्हें 24,470 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से आधुनिक बनाया जाएगा। इनमें उत्तर प्रदेश में 55, राजस्थान में 55, बिहार में 49, महाराष्ट्र में 44, पश्चिम बंगाल में 37, मध्य प्रदेश में 34, असम में 32, ओडिशा में 25, पंजाब में 22, गुजरात में 21, तेलंगाना में 21, झारखंड में 20, आंध्र प्रदेश में 18, तमिल नाडु में 18, हरियाणा में 15 और कर्नाटक में 13 स्टेशन शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने संबोधन में कहा कि इतने सारे स्टेशनों के आधुनिकीकरण से देश में विकास के लिए एक नया वातावरण बनेगा, क्योंकि वे आगंतुकों के बीच फर्स्ट इम्प्रेशन छोड़ेंगे। अपग्रेड किए गए स्टेशनों से न केवल पर्यटन बढ़ेगा, बल्कि आस-पास के क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि 'वन स्टेशन वन प्रोडक्ट' योजना कारीगरों की मदद करेगी और जिले की ब्रांडिंग में सहायता करेगी। गौरतलब है कि, पश्चिम रेलवे में अपग्रेडेशन और परिवर्तन के लिए 120 स्टेशनों की पहचान की गई है, जिनमें से 87 स्टेशन गुजरात, 16 स्टेशन महाराष्ट्र, 15 स्टेशन मध्यप्रदेश और 2 स्टेशन राजस्थान में हैं।

यात्रियों ने प्रधानमंत्री का संबोधन सुना

सूरत रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संबोधन सुनने के लिए प्रतीक्षालय में व्यवस्था की गई थी। स्थानीय रेलवे प्रशासन ने बताया कि ट्रेनों की जानकारी देने वाले एलईडी टीवी पर लाइव प्रसारण यात्रियों को दिखाया गया। इसमें यात्रियों के साथ-साथ रेलवे कर्मचारियों ने भी संबोधन सुना।