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अंत्योदय एक्सप्रेस की हालत देख छूटे पसीने, पैर रखने की जगह मिलना भी हुआ मुश्किल

- उधना से जयनगर 1850 किमी और 35 घंटे से अधिक का सफर खड़े-खड़े करने को मजबूर यात्री... - ग्रीष्मावकाश की शुरूआत में ही पर्याप्त ट्रेन नहीं होने की बड़ी समस्या सामने आई, फिर भी स्पेशल ट्रेन नहीं  

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अंत्योदय एक्सप्रेस की हालत देख छूटे पसीने, पैर रखने की जगह मिलना भी हुआ मुश्किल

अंत्योदय एक्सप्रेस की हालत देख छूटे पसीने, पैर रखने की जगह मिलना भी हुआ मुश्किल

सूरत. रोजगार के लिए सूरत आए यूपी-बिहार के लोगों को गर्मी की छुट्टियों में गांव जाने के लिए पर्याप्त ट्रेन नहीं होने के कारण ट्रेनों में उनकी स्थिति जानवरोससे भी बदतर है। कोचों में क्षमता से दो-तीन गुणा यात्री होने के कारण पैर रखने तक की जगह मिलना मुश्किल हो रहा है। उधना से जयनगर 1850 किमी की दूरी यात्री खड़े-खड़े कर रहे हैं। राजस्थान पत्रिका ने छह अप्रेल को ही ‘नियमित ट्रेनों में अभी से लंबी वेटिंग, ग्रीष्मावकाश में आसान नहीं होगा सफर’ शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी।

ग्रीष्मावकाश के दौरान सूरत और उधना रेलवे स्टेशन से उत्तरप्रदेश और बिहार जाने वाली ट्रेनों में भीड़ बढ़ जाती है। हर साल की तरह इस बार भी यूपी-बिहार की ट्रेनों में भेड़-बकरियों की तरह यात्री सफर करने को मजबूर हैं। उधना रेलवे स्टेशन से रविवार को जयनगर जाने वाली अंत्योदय एक्सप्रेस की हालत देखकर किसी के भी पसीने छूट जाएं। ट्रेन में 18 अनारक्षित डिब्बे हैं। यह उधना से सप्ताह में एक दिन रविवार को चलती है। सीट लेने के लिए यात्री देर रात को ही स्टेशन पहुंच जाते हैं और घंटों प्लेटफॉर्म पर बैठे रहते हैं। ट्रेन के प्लेटफार्म पर आते ही पलक झपकते ट्रेन यात्रियों से फुल हो जाती है। ट्रेन में क्षमता से दो-तीन गुणा ज्यादा यात्री के होने के कारण उन्हें सीट पर बैठने तक की जगह नहीं मिलती है। ऐसे में यात्री कोच के दरवाजे पर, शौचालय और पैसेज में फर्श पर बैठकर यात्रा करते हुए दिखाई दे रहे हैं। डिब्बे में घुसने की जगह नहीं मिलने पर दरवाजे पर ही महिलओं और बच्चों के साथ सामान लेकर खड़े-खड़े सफर कर रहे हैं। ट्रेन के दरवाजे पर खड़े यात्रियों के लिए यह सफर जानलेवा साबित हो सकता है। फिर भी यात्रियों से ट्रेन खचाखच भरी है। एक ओर जहां भीषण गर्मी पड़ रही है, ऐसे में ट्रेन के यात्रियों का हाल-बेहाल है। ट्रेन में इतने यात्री हैं कि खड़े होने तक की जगह नहीं मिल पा रही। 1850 किमी से अधिक की दूरी और 35 घंटे से अधिक समय का सफर पूरा करना बड़ी समस्या है। यात्रियों को नियमित चलने वाली ट्रेनों में रिजर्वेशन नहीं मिलने के कारण मजबूरी में इस तरह का सफर कर रहे हैं। - आगामी दिनों में भीड़ और बढ़ेगी: यूपी-बिहार के लाखों लोग सूरत के उद्योगों में काम की तलाश में आते हैं। हर साल स्कूलों में अवकाश होने पर वे गांव जाते हैं। हर साल उन्हें ट्रेनों की कमी के कारण कठिनाई का सामना करना पड़ता है। स्कूलों में वार्षिक परीक्षा के बाद 15 अप्रेल से ग्रीष्मावकाश का सिलसिला शुरू हो गया है। आगामी दिनों में गांव जाने वाले यात्रियों की भीड़ और बढ़ेगी। उधना स्टेशन पर अंत्योदय एक्सप्रेस में बिना रिजर्वेशन जाने वाले हजारों यात्री उमड़ पड़े। सूरत-छपरा ताप्ती गंगा एक्सप्रेस, सूरत-भागलपुर एक्स., सूरत-मुजफ्फरपुर एक्स., उधना-दानापुर एक्स. समेत अन्य ट्रेनों का भी यही हाल है। - भीड़ इतनी की यात्रियों ने बंद किया गेट : ट्रेन की क्षमता दो हजार यात्रियों को ले जाने की है। इसके लिए सुबह 5 बजे से ही स्टेशन पर भीड़ जुटनी शुरू हो जाती है। बताया जा रहा है कि उधना स्टेशन पर करीब तीन हजार यात्री पहुंचे थे। ट्रेन में इतनी भीड़ हो गई कि यात्रियों को अंदर जाने के लिए जगह नहीं मिल रही थी। कुछ डिब्बों में तो यात्रियों ने भीड़ देखकर गेट ही लॉक कर लिया ताकि दूसरे यात्री जबरदस्ती एंट्री न करें। इस दौरान 400-500 से अधिक यात्री ऐसे थे जो इस ट्रेन में चढ़ ही नहीं सके और वापस लौट गए। इमरजेंसी खिडक़ी से भी यात्रियों ने कोच में घुसने का प्रयास किया। इसके लिए पहले से अंदर बैठे यात्रियों ने कोच में चढऩे वाले यात्रियों से झगड़ा भी किया।