
Single use plastic Ban News: अनोखा तर्क... जब दूध कंपनियां यूज कर रही तो हम क्यों नहीं
वलसाड. सिंगल यूज प्लास्टिक( Single use plastic)थैलियों पर नगर पालिका द्वारा प्रतिबंध लगाने के बाद चाय वालों ने दूध की थैलियों में चाय देना शुरू कर दिया है।
जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त को सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग पर दो अक्टूबर से पूरी तरह रोक लगाने की घोषणा की थी। इसके बाद नगर पालिका वलसाड ने शहर में प्लास्टिक थैलियों एवं ग्लास समेत कई चीजों पर प्रतिबंध लगा दिया है। चाय वालों को भी प्लास्टिक ग्लास या प्लास्टिक में चाय न देने की सूचना दी गई। इसके बाद चाय वालों ने दूध की थैलियों को फेंकने के बजाय अब उसमें ही चाय को पार्सल कर लोगों को देना शुरू कर दिया है। एक चाय वाले ने बताया कि इतनी बड़ी दूध कंपनियां इस थैली का उपयोग कर रही हैं तो वे लोग क्यों नहीं कर सकते। हालांकि नगर पालिका ने इस पर भी प्रतिबंध होने की जानकारी दी है। नगर पािलका इंजीनियर हितेश पटेल ने बताया कि दूध की थैलियां एक बार में उपयोग कर फेंक दी जाती हैं। उसको दोबारा उपयोग में नहीं ले सकते। आने वाले समय में उसका भी उपाय निकाला जाएगा। चाय वाले यह थैली उपयोग नहीं कर सकते हैं।
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सिंगल यूज प्लास्टिक पकडऩे के लिए छापेमारी
सिलवासा. सिलवासा नगर परिषद ने सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग करने वाले विक्रेताओं, व्यापारियों एवं ग्राहकों को पकडऩा शुरू कर दिया है। पंचायत मार्केट से अभियान की शुरुआत की गई है। सिंगल यूज प्लास्टिक पकडऩे के लिए नगर परिषद ने विशेष टीम गठित कर दी है।
सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट उपनियम 2018 के अंतर्गत एसएमसी ने प्लास्टिक बैन को गंभीरता से लिया है। इसके तहत पहली बार सिंगल यूज प्लास्टिक पकड़े जाने पर 100 रुपए, पांच बार पकड़े जाने पर 1000 रुपए जुर्माना का प्रावधान है। प्रमुख राकेशसिंह चौहान ने बताया कि प्लास्टिक की पतली थैलियों पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लागू कर दिया है। प्लास्टिक उत्पादक, स्टॉक होल्डर, निर्माता, रिसाइक्लिंग, आयातक, स्थानीय निकाय नगरपालिका एवं नगर निगम, ग्राम पंचायत, प्लास्टिक कचरा प्राप्त करने एवं निपटाने वाले सभी को नियम का पालन करना होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए स्वच्छ भारत अभियान के तहत साफ सफाई एवं प्लास्टिक मुक्ति हेतु यह नियम लागू किया है। कोई भी व्यक्ति या प्लास्टिक निर्माता, एजेंसी, संगठन, संस्थान आदि नियम का उल्लंघन करते हुए पाए जाने पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत कारवाई हो सकती है।
Published on:
26 Sept 2019 10:00 pm
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