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सूरत जिले के परिणाम में 7.79 प्रतिशत की गिरावट, ए1 ग्रेड वाले भी घट गए

गुजरात माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 12वीं विज्ञान वर्ग का परिणाम पिछले साल के मुकाबले इस साल कम रहा है। सूरत...

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Surat district resulted in a decline of 7.79 per cent, those of A1 grade decreased.

Surat district resulted in a decline of 7.79 per cent, those of A1 grade decreased.

सूरत।गुजरात माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 12वीं विज्ञान वर्ग का परिणाम पिछले साल के मुकाबले इस साल कम रहा है। सूरत जिले के परिणाम में 7.79 प्रतिशत की गिरावट आई है। पिछले पांच साल से सूरत के परिणाम का ग्राफ गिरता जा रहा है। ए1 ग्रेड वाले विद्यार्थियों की संख्या भी कम हो रही है। सूरत जिले का परिणाम पिछले साल 86.72 रहा था, जो इस साल घटकर 78.77 प्रतिशत रहा। दक्षिण गुजरात के पांच अन्य जिलों वलसाड, नवसारी, नर्मदा, तापी और भरुच का परिणाम भी घटा है। दक्षिण गुजरात के सिर्फ डांग जिले का परिणाम पिछले साल के मुकाबले बढ़ा है।


गुरुवार सुबह वेबसाइट पर 12वीं विज्ञान वर्ग का परिणाम देखने के लिए विद्यार्थी, अभिभावक और स्कूल संचालक उत्सुक थे। परिणाम अपलोड होते ही सभी कम्प्यूटर और मोबाइल पर परिणाम देखने में जुट गए। परिणाम देखने के बाद कई विद्यार्थियों ने स्कूल पहुंचकर खुशी मनाई। इस साल बोर्ड ने मार्च में पांच नए परीक्षा केन्द्रों के साथ 140 केन्द्रों पर परीक्षा का आयोजन किया था। परीक्षा के लिए राज्यभर से 1,34,439 विद्यार्थियों ने पंजीकरण करवाया और 1,34,352 ने परीक्षा दी। इनमें से 98,067 परीक्षा पास करने में सफल रहे। राज्यभर का परिणाम 72.99 प्रतिशत रहा है। सूरत जिले से 12,976 विद्यार्थी पास हुए हैं। जिले में परीक्षा के लिए 16,383 विद्यार्थियों ने पंजीकरण करवाया था। इनमें से 16,374 ने परीक्षा दी थी।

सूरत जिले से मात्र 63 विद्यार्थी ए1 ग्रेड हासिल कर पाए, जो पिछले साल (188) के मुकाबले काफी कम है। 719 को ए2, 1624 को बी1, २३१३ को बी2, ३०९४ को सी1, ३६३४ को सी2, १४२९ को डी1 और 21 को इ1 ग्रेड मिली है। वैसे राज्यभर में ए1, ए2 और बी1 ग्रेड हासिल करने में सूरत जिले के विद्यार्थी राज्य के अन्य जिलों से आगे हैं।

अंग्रेजी माध्यम का परिणाम गिरा, फिर भी आगे

इस साल भी अंग्रेजी माध्यम का परिणाम गिरा है। 2016 में अंग्रेजी माध्यम का परिणाम 86.47 प्रतिशत और 2017 में 84.87 प्रतिशत था। इस साल यह 75.58 प्रतिशत रहा है, लेकिन अन्य माध्यमों से अधिक है। अंग्रेजी माध्यम से 22 विद्यार्थियों को ए1 ग्रेड मिली है।

गुजराती माध्यम का परिणाम घटा

पिछले साल गुजराती माध्यम का परिणाम 81.61 प्रतिशत था, जो इस बार घटकर 72.45 प्रतिशत रहा। गुजराती माध्यम के 122 विद्यार्थियों ने ए1 ग्रेड हासिल की है। पिछले साल मराठी माध्यम का परिणाम 36.99 प्रतिशत और उर्दू माध्यम का 63.4 प्रतिशत रहा था। इस साल इनका परिणाम क्रमश: ७०.८२ और ९१.८१ प्रतिशत रहा। दोनों माध्यम में कोई विद्यार्थी ए1 ग्रेड हासिल नहीं कर पाया।

डांग जिले का परिणाम बढ़ा

इस साल आदिवासी जिले डांग का परिणाम 77.01 प्रतिशत रहा है, जो पिछले साल के मुकाबले 9.59 प्रतिशत ज्यादा है। डांग जिले का परिणाम 2014 में 81.82, 2015 में 65.86, 2016 में 68.24 और 2017 में 67.42 प्रतिशत रहा था।

डांग-नर्मदा में चार साल से ए1 नहीं

इस साल भरुच से 05, वलसाड से 03 और नवसारी से 06 विद्यार्थियों को ए1 ग्रेड मिली है। पिछले साल भरुच जिले से २२, वलसाड से 3, नवसारी से २३ और तापी जिले से एक विद्यार्थी को ए1 ग्रेड मिली थी। डांग और नर्मदा जिले में लगातार चौथे साल कोई विद्यार्थी ए1 ग्रेड हासिल नहीं कर पाया। तापी जिले में भी किसी को ए1 ग्रेड नहीं मिली है।

छात्राओं ने बाजी मारी

पिछले साल छात्रों ने बाजी मारी थी। इस बार छात्राएं आगे निकल गईं। 74.91 प्रतिशत छात्राएं और 71.84 प्रतिशत छात्र पास हुए हैं। पिछले साल छात्रों का परिणाम 82.06 और छात्राओं का 81.60 प्रतिशत रहा था। पिछले साल के मुकाबले इस साल दोनों का परिणाम घटा है।

हिन्दी माध्यम का परिणाम बढ़ा

हिन्दी माध्यम के विद्यार्थियों का परिणाम बढ़ा है। राज्यभर से हिन्दी माध्यम से 1941 विद्यार्थियों ने परीक्षा के लिए पंजीकरण करवाया था। इनमें से 1935 ने परीक्षा दी और 65.01 पास हुए। पिछले साल हिन्दी माध्यम का परिणाम 63 प्रतिशत रहा था और राज्यभर में मात्र एक विद्यार्थी ए1 ग्रेड हासिल कर पाया था। इस साल हिन्दी माध्यम के दो विद्यार्थियों को ए1 ग्रेड मिली है। ए2 ग्रेड पाने वालों में 18, बी1 में 56, बी2 में 122, सी1 में 278, सी2 में 493, डी में 281 विद्यार्थी शामिल हैं।

सौ फीसदी परिणाम वाले विद्यालयों की संख्या घटी

राज्य में सौ प्रतिशत परिणाम वाले विद्यालयों की संख्या फिर घट गई है। 2015 के 215 से घटकर 2016 में यह 99 हुई थी। 2017 में बढक़र 118 हुई और इस बार फिर घटकर 42 पर पहुंच गई। इस साल 10 प्रतिशत से कम परिणाम वाले विद्यालयों की संख्या भी घटी है। 2016 में यह संख्या 28 और 2017 में 44 थी। इस साल यह घटकर 26 हो गई। पिछले साल के मुकाबले इस साल ए1 और ए2 ग्रेड वाले विद्यार्थी भी घट गए हैं। पिछले साल 589 विद्यार्थियों को ए1 ग्रेड मिली थी। इस साल 136 को यह ग्रेड मिली है।

पिछले साल 5179 विद्यार्थियों को ए2 ग्रेड मिली थी। इस साल यह ग्रेड पाने वाले विद्यार्थियों की संख्या 2838 है। इस साल ए, बी और एबी, तीनों ग्रुप का परिणाम कम रहा है। पिछले साल तीनों ग्रुप का परिणाम बढ़ा था। 2016 में ए ग्रुप का परिणाम 81.30, 2017 में 84.81 और 2018 में 77.45 प्रतिशत रहा। 2016 में बी ग्रुप का परिणाम 76.56 प्रतिशत, 2017 में 79.35 प्रतिशत और 2018 में 68.77 प्रतिशत रहा। 2016 में एबी ग्रुप का परिणाम 76.32 प्रतिशत, 2017 में 86.36 प्रतिशत और 2018 में 61.11 प्रतिशत रहा।