
SURAT GOOD NEWS: पढ़ा और पढ़ाया, फिर बनकर दिखाया,SURAT GOOD NEWS: पढ़ा और पढ़ाया, फिर बनकर दिखाया,SURAT GOOD NEWS: पढ़ा और पढ़ाया, फिर बनकर दिखाया
सूरत. खुली आंखों से देखे गए सपने ही सच में बदले जा सकते हैं और यह सपना राजस्थान में साक्षरता के दृष्टिकोण से सबसे फिसड्डी जिले जालोर के प्रवासी राजस्थानी युवक सुरेश पुरोहित ने पूरा कर दिखाया है। दिलचस्प यह है कि सुरेश ने यह सपना सूरत कपड़ा मंडी में साडिय़ों के कारोबार के बीच देखा था।
राजस्थान लोक सेवा आयोग ने 2018 में सम्पन्न हुई राजस्थान प्रशासनिक सेवा प्रतियोगिता परीक्षा के परिणाम बुधवार को जारी किए थे और लाखों प्रतियोगियों में से इसमें 1056 प्रतियोगी सफल रहे हैं। सफल रहे प्रतियोगियों में सूरत शहर में गोडादरा स्थित श्रीएवेन्यू सोसायटी में रहते काळूराम पुरोहित का पुत्र सुरेश पुरोहित भी शामिल है। गुरुवार को पत्रिका संवाददाता से बातचीत में सुरेश ने बताया कि राजस्थान में साक्षरता के लिहाज से सबसे पिछड़े जिले जालोर के रामसीन गांव के मूल निवासी है और उनके पिताजी का यहां होटल व्यवसाय है। पिताजी के कारोबार में हाथ बंटाने के लिए वह 2011 में सूरत आ गया था और फिर सूरत कपड़ा मंडी के सूरत टैक्सटाइल मार्केट में नौकरी शुरू कर दी। कपड़ा बाजार के व्यापारिक माहौल के बीच प्रशासनिक अधिकारी बनने का सपना पढऩे-पढ़ाने की हॉबी के साथ देखा और आज माता-पिता के आशीर्वाद व ब्रह्माजी महाराज व गुरुदेव की कृपा से सफल भी हो गया।
-स्टेशन से खरीदी पुस्तक ने बदली दिशा
दो साल सूरत कपड़ा मंडी में नौकरी करने के बाद सुरेश ने बेंगलुरू जाने का मन बनाया और सूरत रेलवे स्टेशन के बाहर से एक मैग्जीन खरीदी। मैग्जीन में किसी आईएएस का इंटरव्यू था और उसे पढ़कर सुरेश के मन में भी प्रशासनिक सेवा के प्रति जिज्ञासा बढ़ गई। इसके बाद वह पलटकर नहीं देखा और सूरत से सीधा जयपुर पहुंचा। यहां पर पहले 2016 में आरएएस का एक्जाम दिया, लेकिन 17 नम्बर से रह गया और इसके बाद 2018 की एक्जाम को क्लीयर किया। प्रशासनिक सेवा की तैयारियों के साथ-साथ स्नातक की पढ़ाई भी प्राइवेट तौर पर पूरी की।
-प्रतियोगियों को करवाते हैं तैयारी
प्रशासनिक सेवा परीक्षा के लिए पढ़ाई के साथ-साथ सुरेश ने ऑनलाइन पढ़ाने का सिलसिला भी जेबखर्च निकालने के उद्देश्य से प्रारम्भ किया था और इसका भी बेहतर परिणाम उन्हें मिलने लगा है। सुरेश के साथ छोटे भाई जयंती ने भी 2018 का एक्जाम दिया था, लेकिन वो मात्र 14 माक्र्स से रह गए थे। अब उन्हें अपने बड़े भाई की सफलता और पढ़ाने के तरीके से यकीन हो गया है कि अगली राजस्थान प्रशासनिक सेवा अधिकारी परीक्षा में वे भी सफल होकर रहेंगे। सुरेश प्रतियोगी परीक्षाओं के परीक्षार्थियों को ऑनलाइन अर्थशास्त्र, राजस्थान का इतिहास और कला संस्कृति, राजनीति की पढ़ाई करवाते हैं।
-बधाई देने वालों का लगा तांता
राजस्थान प्रशासनिक सेवा अधिकारी परीक्षा परिणाम में 384वीं रेंक हासिल करने वाले सुरेश पुरोहित को बधाई देने का सिलसिला बुधवार को परिणाम जारी होने के साथ से ही जारी है। श्रीएवेन्यू सोसायटी में उनके घर राजपुरोहित समाज, सोसायटी के सदस्यों के अलावा अन्य समाज व संगठन के लोग भी पहुंच रहे हैं। सुरेश को बधाई देने वालों में शामिल सूरत महानगरपालिका की स्लम इम्प्रूवमेंट कमेटी चेयरमैन दिनेश राजपुरोहित ने बताया कि सुरेश की सफलता गुदड़ी के लाल के समान है क्योंकि उसने सूरत कपड़ा मंडी में नौकरी करते हुए ऐसे सपने देखे और फिर पूरी लगन से मेहनत की, जिसका परिणाम आज वह सपने पूरे हुए हैं।
Published on:
15 Jul 2021 08:15 pm
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