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पॉलिएस्टर कपड़ों के उत्पादन में सूरत देश में नंबर-1

आज विश्व उत्पादक दिवस पर विशेष

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पॉलिएस्टर कपड़ों के उत्पादन में सूरत देश में नंबर-1

सूरत

सूरत पॉलिएस्टर कपड़ों के उत्पादन के मामले में दुनिया में अग्रणी है। सूरत में रोजाना चार करोड़ मीटर कपड़ों का उत्पादन होता था, लेकिन जीएसटी के बाद कई कारणों से उत्पादन घट कर ढाई करोड़ मीटर हो गया है। इसके बावजूद सूरत में उत्पादित साड़ी और ड्रेस मटीरियल्स का दुनिया के हर कोने में बोलबाला है।
सूरत को पॉलिएस्टर कपड़ों का हब माना जाता है। बड़े पैमाने पर कपड़़े बनने के कारण इसे सिल्कसिटी के नाम से भी जाना जाता है। सूरत में साढ़े पांच लाख लूम्स मशीनें हैं, जिनमें पुरानी से लेकर अत्याधुनिक टैक्नोलॉजी वाली वाटरजेट, एयरजेट सहित तमाम प्रकार के लूम्स मशीनें शामिल हैं। 24 घंटे में 35 हजार मीटर कपड़ों का उत्पादन करने वाली 100 मीटर लंबी मशीन भी सूरत के कपड़ा उद्यमी के पास है। 106 मीटर लंबी फ्लैट बेड मशीन 28 कलर एक साथ प्रिंट कर सकती है। कपड़ा उद्यमियों का कहना है कि सूरत के कपड़ा उद्योग में पॉलिएस्टर, नायलॉन, विस्कॉस, बुम्बर्ग सहित तमाम प्रकार के यार्न का उपयोग होता है। सबसे ज्यादा इस्तेमाल पॉलिएस्टर यार्न का होता है। जीएसटी से पहले सूरत में प्रतिदिन चार करोड़ मीटर कपड़ों का उत्पादन होता था, लेकिन जीएसटी के बाद कई कपड़ा उद्यमियों के इस व्यवसाय से निकल जाने और अन्य कारणों से कपड़ों का उत्पादन घट कर ढाई करोड़ मीटर हो गया है। कपड़ा उद्यमियों को उम्मीद है कि धीरे-धीरे कपड़ा उद्योग की गाड़ी फिर पटरी पर चढ़ सकती है। फैडरेशन ऑफ सूरत टैक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन के प्रमुख मनोज अग्रवाल के मुताबिक सूरत पॉलिएस्टर कपड़ा उद्योग का बड़ा केन्द्र है।
दुनिया के 10 में से नौ हीरे तैयार करता है सूरत
हीरा उद्योग में भी कट और पॉलिश्ड हीरों के उत्पादन के मामले में सूरत दुनिया में नंबर-1 है। दुनिया में तैयार होने वाले 10 कट और पॉलिश्ड हीरों में से 9 सूरत में तैयार होते हैं। सूरत में 1500 छोटे-बड़े हीरों के कारखाने हैं। इनके माध्यम से पांच लाख लोगों को रोजगार मिलता है।