
SURAT NEWS: ‘सज्जन दूसरों में दोष नहीं, स्वयं की कमिया करता है दूर’
सूरत. वेसू स्थित महावीर समवसरण में मंगलवार सुबह आचार्य महाश्रमण ने कहा, आत्मा आठ प्रकार की होती है। इसमें द्रव्य आत्मा, कषाय आत्मा, योग आत्मा, उपयोग आत्मा, ज्ञान आत्मा, दर्शन आत्मा, चारित्र आत्मा और वीर्य आत्मा शामिल है। वहीं, एक-दूसरे के वर्गीकरण के रूप में आत्मा परमात्मा, महात्मा, सदात्मा और दुरात्मा चार प्रकार हैं। इसमें परमात्मा वह आत्मा है जो परम स्थान को प्राप्त हो गई है। वे संसार से मुक्त हैं।
शहर के वेसू क्षेत्र में युग प्रधान आचार्य महाश्रमण अक्षय तृतीया महोत्सव के लिए आठ दिवसीय प्रवास पर हैं। यहां भगवान महावीर यूनिवर्सिटी प्रांगण में निर्मित महावीर समवसरण में मंगलवार सुबह मंगल प्रवचन में उन्होंने श्रद्धालुओं को बताया कि संसार में रहने वाली आत्माओं में तीन प्रकार के महात्मा होते हैं। साधु-संत आदि आत्माएं महात्मा होती हैं अर्थात महान आत्माएं महात्मा होती हैं। आत्मा का तीसरा प्रकार है-सदात्मा। गृहस्थ जीवन में धार्मिकता, भलाई, अहिंसा, ईमानदारी, संयम और नैतिकता का पालन करने वाले लोग सदात्मा होते हैं। हिंसा, हत्या, लूट, दूसरों को कष्ट पहुंचाने वाली आत्माएं दुरात्मा होती हैं। दुरात्मा बनी आत्मा स्वयं का बहुत अधिक नुकसान कर लेती हैं। दुरात्मा मनुष्य मृत्यु के समय पश्चाताप करता है। प्रत्येक आदमी महात्मा न भी बने तो उसे कम से कम सदात्मा तो बनने का प्रयास करना चाहिए।
सदात्मा (सज्जन) आदमी दूसरों में दोष नहीं निकालता बल्कि स्वयं की कमियों को दूर करता है। दूसरों के गुणों के प्रति प्रमोद भाव रखना, दूसरों के सुख से दुःखी नहीं होना, दूसरों के दुःख को देखकर अनुकंपा की भावना रखना, कोई अप्रिय बोल भी दे तो गुस्सा नहीं करना सज्जनता के गुण होते हैं। जीवन में सज्जनता के गुणों का विकास कर आदमी दुर्जन बनने से स्वयं को बचा सकता है। सज्जनता के गुणों का विकास होता है तो वह आदमी सदात्मा बन सकता है।
- वर्षीतप के तपस्वियों की पुस्तक समर्पित :
मंगलवार सुबह आचार्यश्री के मंगल प्रवचन के बाद साध्वी मधुबाला की सहवर्ती साध्वी मंजुलयशा व साध्वी रुचिरप्रभा ने अपने विचार रखे। तेरापंथ महिला मंडल सूरत ने गीत का संगान किया। इस अवसर पर तेरापंथी सभा सूरत के अध्यक्ष नरपत कोचर, अमित सेठिया, अणुव्रत समिति के अध्यक्ष विजयकांत खटेड़ व तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम के अध्यक्ष अखिल मारू ने भी अभिव्यक्ति दी। आचार्य महाश्रमण अक्षय तृतीया प्रवास व्यवस्था समिति के अध्यक्ष संजय सुरणा व अन्य ने वर्षीतप के तपस्वियों से संदर्भित पुस्तक आचार्य महाश्रमण को समर्पित की।
- दर्शन व मंगल प्रवचन के लिए उमड़ती भीड़ :
महावीर समवसरण में आयोजित अक्षय तृतीया महोत्सव के बाद विभिन्न कार्यक्रमों के सिलसिले में आठ दिवसीय प्रवास हेतु आचार्य महाश्रमण व अन्य संतवृंद भगवान महावीर यूनिवर्सिटी के अंतर्गत स्थित भगवान महावीर इंटरनेशनल स्कूल परिसर में मंगल प्रवास कर रहे हैं। गुरुदेव के दर्शन, उपासना और मंगलवाणी का श्रवण करने के लिए यहां पर रोजाना हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ जमा हो रही है।
Published on:
25 Apr 2023 09:14 pm
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