-शनिवार से शुरू होगा दीपोत्सव पंचपर्व, भाईदूज तक चलेगा सिलसिला, त्योहार का शहरभर में दिखने लगा उल्लास
सूरत. रोशनी का पंचपर्व शनिवार को धनतेरस से शुरू हो जाएगा और यह रविवार को भी मनाया जाएगा। दीपोत्सव पंचपर्व के दौरान प्रतिदिन नित नया त्योहार आएगा और लोग दीपावली की खुशियां हर्षोल्लास के साथ मनाएंगे। वहीं, शुक्रवार से ही दीपावली के अवसर पर घरों के बाहर रंगोली की सजावट भी होने लगेगी।
दीपोत्सव पर्व मनाने की परम्परा शनिवार को धनतेरस से प्रारम्भ होगी और इस मौके पर शहर में प्रचलित तरीके से स्वास्थ्य के देव धन्वतंरी की पूजा-अर्चना के साथ ही प्रवास पर जाने वाले ज्यादातर लोग महालक्ष्मी पूजन भी विभिन्न मुहूर्त में करेंगे। हालांकि धनतेरस की पूजा के लिए पर्याप्त अवसर लोगों को रविवार को मिलेगा क्योंकि 22 अक्टूबर शनिवार को शाम 6 बजकर 2 मिनट के बाद त्रयोदशी तिथि शुरू होकर प्रदोषकाल में व्याप्त रहेगी। इसके बाद 23 अक्टूबर रविवार को त्रयोदशी तिथि शाम तक रहेगी और इस वजह से धनतेरस शनिवार और रविवार दोनों दिन मान्य रहेगी। धनतेरस के मौके पर विभिन्न राशियों के जातक अलग-अलग काल में लग्न मुताबिक श्रेष्ठ मुहूर्त में पूजा करेंगे। लोगों ने धनतेरस एवं महालक्ष्मी पूजन के लिए सभी तरह की आवश्यक सामग्री के अलावा नए वस्त्र, पटाखे, मिठाई आदि की खरीदारी भी शुरू कर दी है। इसका असर बाजार में खरीदारी के लिए बड़ी संख्या में निकल रहे लोगों से देखने को मिल रहा है।
000-वृष लग्न में शुभ मुहूर्त दो घंटे 55 मिनट तक
शनिवार को त्रयोदशी तिथि शाम से शुरू होगी और इस दौरान कई लोग धनतरेस की पूजा करेंगे, लेकिन शहर में ज्यादातर लोग रविवार को दिनभर रहने वाली त्रयोदशी तिथि के दौरान विभिन्न श्रेष्ठ मुहूर्त में महालक्ष्मी पूजन करेंगे। इसमें अभिजीत मुहूर्त रविवार सुबह 11 बजकर 57 मिनट से दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक रहेगा। वहीं, अधिकांश लोगों की पसंद वृष लग्न में लोग देर शाम 7 बजकर 15 मिनट से रात 9 बजकर 10 मिनट तक रहेगा। इस दो घंटे 55 मिनट की अवधि में लोग धनतेरस की पूजा कर सकेंगे।
000-पूजा के बाद लोग लेंगे रवानगी
शहर में अधिकांश लोग प्रवासी है और वे दीपावली के मौके पर महालक्ष्मी को धनतेरस के विशेष मुहूर्त पर पूजन-अर्चन कर मनाएंगे। इसके बाद वे कार्तिक अमावस्या को दीपावली पूजन के लिए अपने मूल गांव जाने के लिए रवाना हो जाएंगे। प्रवास पर जाने वाले ज्यादातर लोग शनिवार को ही धनतेरस मना लेंगे और महालक्ष्मी का पूजन कर रात्रि में सूरत से रवाना हो जाएंगे। ऐसे लोगों में शहर में बसे सौराष्ट्रियन के अलावा महाराष्ट्रियन, राजस्थानी प्रवासियों के अलावा अन्य कई लोग शामिल रहेंगे।