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SURAT NEWS: देश की सबसे प्रदूषित नदियों की सूची में दमणगंगा का भी नाम

गुजरात की सबसे ज्यादा प्रदूषित नदियों में अमलाखाड़ी, भादर, भोगावो, विश्वामित्री, तापी, दमणगंगा नदी और मेश्वो का नाम शामिलजीपीसीबी और वापी ग्रीन एन्वायरो के जल प्रदूषण नियंत्रित करने के दावे हवाई साबित

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सूरत

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Sunil Mishra

Jun 25, 2019

patrika

SURAT NEWS: देश की सबसे प्रदूषित नदियों की सूची में दमणगंगा का भी नाम


वापी. देश की सबसे ज्यादा प्रदूषित नदियों में वापी की दमणगंगा नदी भी शामिल है। लोकसभा में पूछे गए प्रश्न के संदर्भ में वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा यह जानकारी दी गई है। इसके अंतर्गत गुजरात की सबसे ज्यादा प्रदूषित नदियों में अमलाखाड़ी, भादर, भोगावो, विश्वामित्री, तापी, दमणगंगा नदी और मेश्वो का नाम शामिल है। वापी में दमणगंगा नदी पहले भी प्रदूषित सूची में आ चुकी है। एक बार फिर से इस नदी का नाम प्रदूषित सूची में आने पर जीपीसीबी और वापी ग्रीन एन्वायरो द्वारा जल प्रदूषण नियंत्रित करने के दावे हवाई साबित हुए हैं। गत दिनों एनजीटी द्वारा प्रदूषण को नियंत्रित न करने के मामले में भारी जुर्माना भी वापी ग्रीन पर लगाया जा चुका है।
दावे के अनुसार सीईटीपी प्लांट में सभी कंपनियों का दूषित पानी ट्रीट करने के बाद नदी में छोड़ा जाता है। एनजीटी की जांच में नदी में छोड़े जाने वाले पानी में सीओडी की मात्रा निर्धारित मानक के अनुरूप नहीं मानी गई थी।

एनजीटी की टीम ने कंपनियों से लिया जवाब
वहीं, एनजीटी के आदेश के बाद पांच सदस्यीय कमेटी ने मंगलवार से प्रदूषण फैलाने की दोषी 220 कंपनियों से जवाब लेने की शुरुआत की है। उनके साथ वन एवं पर्यावरण मंत्रालय का एक अधिकारी भी है। पहले दिन 30 इकाईयों के प्रबंधन का बयान दर्ज किया गया। जानकारी के अनुसार कुछ महीने पहले एनजीटी द्वारा गठित टीम ने बीते पांच साल में प्रदूषण से वापी के पर्यावरण को करीब साढ़े सात सौ करोड़ का नुकसान होने की रिपोर्ट बनाई थी। इस संदर्भ में 44 कंपनियों के पास जुर्माना स्वरुप साढ़े चार करोड़ रुपए भी जमा करवाए गए थे। यह रुपए एनजीटी द्वारा लगाए गए दस करोड़ रुपए जुर्माना के अंतर्गत लिया गया था। एनजीटी के आदेश पर बनी कमेटी ने प्रदूषण के लिए जिम्मेदार 220 कंपनियों से जवाब लेने की कार्रवाई मंगलवार से शुरू की। 27 जून तक कमेटी के सदस्य इन कंपनियों का जवाब लेंगे और रिपोर्ट एनजीटी को सौंपेंगे। कमेटी में आईआईएम अहमदाबाद के प्रो.अनिल सुगथान, गांधीनगर आईआईटी के प्रो. चिन्मय गोराई, नागपुर नीरी के वीएम कार्तिक, जीपीसीबी वापी के आरओ बीआर गज्जर और सीपीसीबी के प्रतिक भार शामिल हैं। पहले दिन 30 कंपनियों का बयान लिया गया। प्रत्येक को आधे घंटे का समय दिया गया था। एनजीटी की टीम के यहां आने के बाद से ही कंपनी संचालकों में हडक़ंप मचा है।