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जनजातीय गांवों को देश की मुख्यधारा से जोड़ना होगा – चिंतन उपाध्याय

वनबंधु परिषद की वार्षिक साधारण सभा एवं चैप्टर अवॉर्ड सेरेमनी संपन्न

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सूरत

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Vineet Sharma

May 14, 2023

जनजातीय गांवों को देश की मुख्यधारा से जोड़ना होगा - चिंतन उपाध्याय

जनजातीय गांवों को देश की मुख्यधारा से जोड़ना होगा - चिंतन उपाध्याय

सूरत. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ गुजरात प्रांत प्रचारक डॉ. चिंतन उपाध्याय ने जनजातीय गांवों को देश की मुख्यधारा से जोड़ने की जरूरत बताई। वनबंधु परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश सरावगी बंगाल के अपने अनुभव साझा किए। इस अवसर पर विनोद अग्रवाल को वर्ष 2023-35 के लिए वनबंधु परिषद के सूरत चैप्टर का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।

डॉ. चिंतन उपाध्याय सूरत में पिछले 25 वर्ष से कार्यरत वनबंधु परिषद, एकल अभियान चैप्टर की रजत जयंती के अवसर पर आयोजित वार्षिक साधारण सभा और विशिष्ट सहयोगी अभिनंदन व अवॉर्ड सेरेमनी में बोल रहे थे। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि गुजरात में 5500 जनजातीय गांव हैं। इनका विकास कर देश की मुख्यधारा में शामिल करने की जरूरत है। कोलकाता से आए वनबंधु परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश सरावगी ने संगठन को मजबूत आधार देने के लिए चैप्टर सदस्यों को आगे आने का आह्वान किया। उन्होंने पश्चिम बंगाल के अपने अनुभव भी साझा किए। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने सूरत चैप्टर के 2023-25 के लिए अध्यक्ष पद पर विनोद अग्रवाल के नाम की घोषणा की।

संस्था में विशिष्ट सहयोग के लिए सदस्यों का स्मृति चिन्ह दिए गए। इससे पहले संस्था के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने अतिथियों का स्वागत किया। मंत्री श्रीनारायण पेड़ीवाल ने चैप्टर के गत 2 वर्षों का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन एकल युवा निर्मल नागदा ने किया। इस दौरान संस्था द्वारा आदिवासी अंचलों में संचालित एकल विद्यालयों से पढ़कर निकले युवाओं ने अपने अनुभव साझा किए।

नई कार्यकारिणी का ऐलान

नवनिर्वाचित अध्यक्ष विनोद अग्रवाल ने चैप्टर की नई कार्यकारिणी का ऐलान किया। नई कार्यकारिणी में कुंज पंसारी को कार्यकारी अध्यक्ष, गौतम प्रजापति को मंत्री एवं नकुल राठी को कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है।

जीवन में अध्यात्म जरूरी
कार्यक्रम की मुख्य वक्ता कथावाचिका एवं मोटिवेशनल स्पीकर सुश्री जया किशोरी ने युवाओं से देश के पिछड़े और वंचित वर्ग के विकास में अग्रणी भूमिका निभाने का आह्वान किया। जीवन में आध्यात्म को जरूरी बताते हुए उन्होंने कहा कि विश्व के देश आज सनातन को अपना रहे हैं। हमें अपनी संस्कृति से जुड़ना होगा।