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चेक रिटर्न मामले में कपड़ा व्यापारी को दो साल की कैद

जुर्माना नहीं भरने पर संपत्ति से रिकवर करने का कोर्ट का आदेश

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चेक रिटर्न मामले में कपड़ा व्यापारी को दो साल की कैद

सूरत. चेक रिटर्न के मामले में आरोपित कपड़ा व्यापारी को कोर्ट ने दोषी करार देते हुए दो साल की कैद की सजा सुनाई। कोर्ट ने रिटर्न चेक की राशि का दुगना जुर्माना और जुर्माना नहीं भरने पर संपत्ति से रिकवर करने का आदेश दिया। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि चेक बाउंस के अपराध लगातार बढ़ रहे हंै, जिससे व्यापार-व्यवसाय में चेक से लेनदेन करने में जोखिम लगने लगा है। देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करता अपराध हो तब अभियुक्त के साथ हमदर्दी दिखाकर कम सजा करना न्यायोचित नहीं होगा। इस तरह के मामले में अभियुक्त को सख्त नसीहत मिलना जरूरी है।


अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता नरेश गोहील ने बताया कि पांडेसरा जीआइडीसी की शांति एंटरप्राइज के संचालक नीरव मगन शाह ने पूणा-कुंभारिया रोड के लैंडमार्क एम्पायर्स और रघुकुल मार्केट की सीएचबीजी डिजाइंस लिमिटेड के डायरेक्टर मनीष कुमार रामअवतार पालीवाल के खिलाफ चेक रिटर्न को लेकर दो अलग-अलग शिकायतें कोर्ट में दायर की थी। आरोप के मुताबिक मनीष पालीवाल ने 33.99 लाख रुपए का कपड़ा खरीदा था। 15 लाख के पैमेंट के तौर पर उसने पांच-पांच लाख के तीन तथा एक-एक लाख रुपए से अधिक के दो चेक दिए थे। चेक बैंक में जमा करवाने पर रिटर्न हो गए। नोटिस भेजने के बावजूद पैमेंट नहीं चुकाने पर नीरव ने कोर्ट में शिकायत की। सुनवाई के दौरान पहले तो अभियुक्त मनीषकुमार पालीवाल अपने अधिवक्ता के जरिए कोर्ट के समक्ष पेश हुआ, लेकिन इसके बाद लंबे अरसे तक गायब हो गया। कोर्ट ने जब उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया, तब वह कोर्ट के समक्ष पेश हुआ। सुनवाई के दौरान अधिवक्ता नरेश गोहील ने मनीष पालीवाल के खिलाफ कई सबूत पेश किए। साथ ही उसके खिलाफ चेक रिटर्न को लेकर दायर शिकायतें और सलाबतपुरा थाने में दर्ज करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी की प्राथमिकी की कॉपी कोर्ट के समक्ष पेश की। कोर्ट ने अंतिम सुनवाई के बाद अभियुक्त मनीषकुमार पालीवाल को दोषी मानते हुए दोनों ही मामलों में दो साल की कैद और रिटर्न चेक की राशि से दुगना जुर्माना और जुर्माना नहीं भरने पर संपत्ति से रिकवर करने का हुक्म सुनाया।