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ग्रीष्मा हत्याकांड: हिंसक वेब सिरीज का युवा पीढ़ी पर हो रहा है गंभीर असर: कोर्ट

506 पन्नों में कोर्ट ने सुनाया फैसला, आरोपी को अपने किए का कोई रंज या अफसोस नहीं फैसले में दो बार निर्भया कांड और कसाब के फैसले का भी किया जिक्र

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ग्रीष्मा हत्याकांड: हिंसक वेब सिरीज का युवा पीढ़ी पर हो रहा है गंभीर असर: कोर्ट

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सूरत. कॉलेज छात्रा ग्रीष्मा वेकरिया हत्याकांड पर गुरुवार को कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए दोषी फैनिल गोयाणी को सजा-ए-मौत सुनाई है। कोर्ट ने अपने फैसले में आज की युवा पीढ़ी के लिए भी टिप्पणी और संदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि हिंसक वेब सिरीज का युवा पीढ़ी के मानस पर गंभीर असर हो रहा है और युवा जनून में अपराध का रास्ता अपना रहे हैं।


सेशन कोर्ट की ओर से 506 पन्नों में फैसला सुनाया गया। जिसमें हत्याकांड को रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस क्यों माना इसका जिक्र किया है। मुख्य जिला न्यायाधीश वि.के.व्यास ने फैसला पढऩे की शुरुआत मनुस्मृति के श्लोक से की। कोर्ट ने कहा कि दंड देने आसान नहीं होता, लेकिन इस मामले में जिस तरह से आरोपी को अपने किए पर ना कोई पछतावा नजर नहीं आया और ना कोई रंज दिखाई दिया, ऐसे में कड़ी से कड़ी सजा सुनाना ही न्योयोचित था। न्यायाधीश ने इंटरनेट के बढ़ते दुरुपयोग को लेकर भी टिप्पणी की और युवा पीढ़ी को संदेश दिया कि इंटरनेट का उपयोग विवेकपूर्ण करना चाहिए। आज के युवा मोबाइल फोन और इंटरनेट में व्यस्त रहते हैं। खास तौर पर हिंसक वेब सिरीज और वीडियो गेम्स देखते है, जिसका बुरा असर उनकी मानसिकता पर हो रहा है। इस तरह के कंटेंट पर रोक लगाने की जरूरत है। फैसले के दौरान न्यायाधीश ने दो बार दिल्ली के निर्भय कांड तथा कसाब के केस का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि निर्भया कांड में आरोपियों की उम्र कम थी तो कसाब भी कम उम्र का था, लेकिन दोनों ही मामलों में आरोपियों के चेहरे पर किए का कोई पछतावा नजर नहीं आया था। उसी तरह इस मामले में भी आरोपी के चहेर पर कभी कोई रंज या अफसोस पूरी ट्रायल के दौरान नहीं नहीं आया।


फैसला सुनते ही परिजन रो पड़े, कहा - न्याय तो मिला,लेकिन बेटी को खोने का दर्द हमेशा रहेगा


गुरुवार को कोर्ट में फैसला सुनाते समय मृतका ग्रीष्मा वेकरिया के माता-पिता समेत उसके परिजन भी मौजूद थे। जैसे ही कोर्ट ने फैनिल को फांसी की सजा सुनाई तो फैसला सुनकर सभी परिजन रोने लगे । ग्रीष्मा के पिता ने फैसला का स्वागत करते हुए खुशी जताई। उन्होंने कहा कि कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाकर ग्रीष्मा को न्याय दिया है जिससे हम संतुष्ट तो हैं, लेकिन पुत्री को खोने का दर्द जिंदगी भर रहेगा। परिजनों ने पुलिस से लेकर सरकार और मुख्य जिला लोकाभियोजक और कोर्ट का आभार माना।


कोर्ट के फैसले की अन्य महत्वपूर्ण बातें


- दंड देना आसान नहीं, लेकिन रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस है
- हत्या के समय ग्रीष्णा नि:सहाय थी, 12 इंच का चाकू गले पर था
- जब वह आरोपी से दूर जाने का प्रयास करने लगी तो गले पर वार करने से खून की फुव्वार छूटने लगी
- ग्रीष्मा आरोपी के पैरों में गिरी भी उसे दया नहीं आई
- लोगों इस तरह की हत्या की घटना शायद ही देखी होगी, जिससे बड़ी संख्या में लोग अंतिम यात्रा में जुड़े
- दोषी को कोई पछतावा या कानून का डर नजर नहीं आया, घटना के बाद बहन को अपने पक्ष में बयान देने के लिए कहा
- आरोपी ने ठंडे कलेजे से दो लोगों की हत्या की कोशिश भी की
- यह मामला रेयरेस्ट ऑफ रेयर की श्रेणी का है
-ग्रीष्मा सिर्फ 20 साल की थी, उसके अपने भी सपने थे