
VNSGU : वेकेशन समाप्त होते ही 19 से शुरू हो जाएंगी परीक्षाएं
सूरत .
वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय का दीपावली वेकेशन समाप्त होते ही 19 नवम्बर से परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी। परीक्षाओं का दौर दिसम्बर तक चलेगा। इसके बाद जनवरी में महाविद्यालयों में महासचिव पद के चुनाव होने वाले हैं।
विश्वविद्यालय का प्रशासनिक वेकेशन 12 नवम्बर को समाप्त हो चुका है। राज्य सरकार के आदेशानुसार 18 नवम्बर तक विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों में शैक्षणिक वेकेशन है। 19 नवम्बर से विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों और महाविद्यालयों में शैक्षणिक कार्य शुरू हो जाएंगे। 19 नवम्बर से एमएससी की परीक्षा शुरू होगी। इसके बाद आट्र्स और कॉमर्स महाविद्यालयों में परीक्षाएं शुरू होंगी। सभी डिग्री पाठ्यक्रमों की परीक्षाएं 26 नवम्बर से शुरू होंगी। परीक्षाओं का सिलसिला दिसम्बर अंत तक चलेगा। दो साल से विश्वविद्यालय में महासचिव पद के चुनाव नहीं हुए हैं। इनको लेकर विवाद चल रहा था। हाल ही सिंडीकेट ने जनवरी में चुनाव की घोषणा की है। चुनाव जनवरी के पहले या दूसरे सप्ताह में होंगे। ऐसे में महाविद्यालय प्रशासन जनवरी तक परीक्षा और चुनाव को लेकर व्यस्त रहेगा।
सिंडीकेट सदस्यों ने कुलपति को पत्र लिखे थे
सिंडीकेट की बैठक से पहले एजेंडे को लेकर कई सिंडीकेट सदस्यों ने कुलपति को पत्र लिखे थे। सिंडीकेट के मिनिट्स को लेकर आपत्ति जताई गई थी। कुलपति पर मिनिट्स में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया गया था। इसी मामले को लेकर सिंडीकेट की बैठक शुरू होते ही विवाद शुरू हो गया। सिंडीकेट सदस्य वी.डी.नायक और कुलपति डॉ.शिवेन्द्र गुप्ता के बीच गरमागरम बहस हुई। कुलपति ने वी.डी.नायक को छह सिंडीकेट बैठकों के लिए बर्खास्त करने का फैसला किया। नायक बैठक छोडक़र नहीं गए तो कुलपति ने सुरक्षाकर्मियों को बुलाने का आदेश दिया। मामला गंभीर रूप धारण करता, इससे पहले नायक बैठक छोड़ कर चले गए। इसके बाद सिंडीकेट में अन्य मुद्दों पर चर्चा शुरू हुई। सभी की निगाह महासचिव पद के चुनाव पर टिकी थीं। बैठक में सिंडीकेट सदस्यों ने जनवरी में महाविद्यालयों में चुनाव करवाने का फैसला किया। चुनाव 1 से 12 जनवरी के बीच होंगे। इसके अलावा सिंडीकेट में भगवान महावीर फाउंडेशन को विश्वविद्यालय बनाने के लिए एनओसी पत्र को लेकर भी चर्चा की गई। सिंडीकेट ने तय किया कि भगवान महावीर फाउंडेशन सभी प्रमाण पत्र मंगवाए जाएं, बाद में उसे एनओसी देने पर विचार किया जाएगा। बैठक में फैक्ट कमेटी के विभिन्न मामलो पर भी फैसला किया गया। सिंडीकेट में वित्त समिति के मामलों पर भी देर तक चर्चा चली। टेंडर के मामलों में महत्वपूर्ण फैसला किया गया। कोई पार्टी अगर टेंडर पास होने के बाद काम करने से इनकार करेगी तो उसकी डिपोजिट राशि जब्त कर ली जाएगी तथा उसे ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा।
दो साल से छात्रसंघ चुनाव नहीं
विश्वविद्यालय संबद्ध महाविद्यालयों में दो साल से छात्रसंघ चुनाव नहीं हुए हैं। पहले तत्कालीन कुलपति डॉ.दक्षेश ठाकर का कार्यकाल पूर्ण हो रहा था, इसलिए इस मामले में सिंडीकेट ने रुचि नहीं ली। डॉ.शिवेन्द्र गुप्ता ने कुलपति का पदभार संभाला, तब भी इस मामले पर ध्यान नहीं दिया गया। चुनाव की मांग उठने लगी तो मामला सिंडीकेट में पहुंचा। कुलपति और सिंडीकेट सदस्यों ने मामला प्राचार्यों पर छोड़ दिया। प्राचार्यों ने इलेक्शन के बदले सिलेक्शन की राय दी। सिंडीकेट चुनाव के कारण कुलपति और अन्य सिंडीकेट सदस्य प्राचार्यों के फैसले के खिलाफ नहीं जाना चाहते थे, क्योंकि ङ्क्षसडीकेट में सबसे ज्यादा मत प्राचार्यों के थे। सिंडीकेट चुनाव के बाद छात्रसंघ चुनाव का मुद्दा फिर गरमाया तो इसे शनिवार की सिंडीकेट के एजेंडे में शामिल किया गया।
Published on:
16 Nov 2018 07:38 pm
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