
ऐसा क्या हुआ कि खाड़ी से निकलने लगा झाग
सिलवासा. डोकमर्डी से नानी तंबाड़ी विस्तार में बहने वाली खाड़ी प्रदूषण का शिकार है। इसका पानी दूषित केमिकल के झाग से ढक गया है। प्रदूषण बढऩे से पानी में पाई जाने वाली मछलियों की मौत हो गई हैं। बहते जल में फैले केमिकल झाग से आसपास के ग्रामवासी चिंतित हैं।
रेड कैटेगरी के उद्योग माह में एक दो बार विषैला अपशिष्ट बहा देते हैं
ग्रामवासियों ने बताया कि नानी तंबाड़ी जाड़ा फलिया खाड़ी में डोकमर्डी औद्योगिक कवस्तार से वाघछीपा होते हुए पानी पहुंचता है। डोकमर्डी में बसे रेड कैटेगरी के उद्योग माह में एक दो बार विषैला अपशिष्ट खाड़ी के बहते जल में बहा देते हैं।
20 मीटर ऊंचाई तक केमिकल के सफेद झागउड़ते देखे जा सकते हैं
जहरीले अपद्रव्य से खाड़ी का पानी झाग और विषाक्त कवक से ढक गया है। नानी तंबाड़ी ब्रिज के पास खाड़ी के ऊपर 20 मीटर ऊंचाई तक केमिकल के सफेद झाग उड़ते देखे जा सकते हैं। विषैले पानी से खाड़ी में पाई जाने वाली मछलियां और जीव-जंतु मर गए हैं।
केमिकल इंडस्ट्रीज ने दूषित अपद्रव्य खाड़ीके बहते जल में छोड़ दिया
गत सप्ताह बारिश होने से खाड़ी का बहाव बढ़ गया था, इसका फायदा उठाते हुए कुछ केमिकल इंडस्ट्रीज ने दूषित अपद्रव्य खाड़ी के बहते जल में छोड़ दिया है। इससे खाड़ी का संपूर्ण पानी दूषित हो गया हैं।
खाड़ी का पानी सिंचाई लायक भी नहीं रहा
लोगों का कहना है कि खाड़ी का पानी सिंचाई लायक भी नहीं रहा है। यह खाड़ी नानी तंबाड़ी होते हुए अंतत: वापी दमणगंगा नदी में मिलती है।
डोकमर्डी औद्योगिक विस्तार की कम्पनियों की कारस्तानी
डोकमर्डी औद्योगिक विस्तार में कुछ फैक्ट्रियां खतरनाक केमिकल संश्लेषित करती हैं। प्रदूषण के कारण इस कंपनियों को कई बार बंद कराया जाता है, लेकिन कंपनी प्रबंधन पीसीसी अधिकारियों से सांठगांठ करके कुछ समय बार पुन: चालू कर देते हैं।
मछलियों की मौत
खाड़ी में प्रदूषण बढऩे से पानी में पाई जाने वाली मछलियों की मौत हो गई हैं
Published on:
11 Sept 2018 07:54 pm
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