सूरत में एजेंसियों को नहीं मिल रहा बेहतर रिस्पांस, देश में ई-श्रम कार्ड बनाने में गुजरात आठवें नंबर पर, राज्य में सूरत दूसरे नंबर
विनीत शर्मा
सूरत. सूरत समेत गुजरातभर में ई-श्रम कार्ड को लेकर श्रमिकों का उत्साह लगातार कमजोर पड़ता जा रहा है। ई-श्रम कार्ड के लिए मांगी जाने वाली जानकारियों को लेकर श्रमिकों के मन में संदेह की वजह से वे इन्हें साझा नहीं कर रहे। सूरत के औद्योगिक क्षेत्राें में लगने वाले शिविरों में यह दिख भी रहा है। कमोबेश यही स्थिति प्रदेशभर में है और लोग अपने ई-श्रम कार्ड बनवाने के लिए आगे नहीं आ रहे।
कोरोनाकाल में देशभर में श्रमिकों को मुश्किल दौर से गुजरना पड़ा था। लॉकडाउन में जब कामधंधे बंद हो गए, श्रमिकों ने पैदल ही अपने गांवों का रुख किया था। लॉकडाउन में सुनसान सड़कों पर श्रमिकों की आवाजाही ही रास्तों को आबाद कर रही थी। इसे देखते हुए केंद्र सरकार को भी श्रमिकों की बेहतरी के उपाय करने की जरूरत महसूस हुई। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने श्रमिकों के व्यवस्थित रेकॉर्ड के लिए ई-श्रम कार्ड बनाने की कवायद शुरू की। शुरुआत में गुजरात से श्रमिकों ने बेहतर रिस्पांस दिया था, लेकिन बाद में उनका मोह धीरे-धीरे भंग होने लगा है। बीते कुछ समय से तो आलम यह है कि ई-श्रम कार्ड बना रही एजेंसियों के प्रतिनिधि श्रमिकों के पंजीकरण के लिए जब औद्योगिक क्षेत्रों में जाते हैं तो उन्हें निराशा ही हाथ लगती है।
सूरत में भी कमोबेश यही स्थिति है। पांडेसरा, सचिन, कडोदरा, उधना, खटोदरा, पलसाणा और जोलवा समेत आसपास के अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में ई श्रम कार्ड बनवाने के लिए श्रमिक सामने नहीं आ रहे। इन औद्योगिक क्षेत्रों में हजारों श्रमिक काम कर रहे हैं, लेकिन क्षेत्र में लगने वाले शिविरों में श्रमिक पंजीकरण का आंकड़ा सैकड़ा भी नहीं छू पा रहा। ई-कार्ड में मांगी जा रही जानकारियों को लेकर श्रमिकों में संदेह की स्थिति है। उन्हें लगता है कि कार्ड बनाने के लिए मांगी जा रही जानकारी उनकी पहचान को उजागर कर देगी जिसका खामियाजा आने वाले वक्त में भुगतना पड़ सकता है।
गुजरात में 9784076 ई-श्रम कार्ड
ई- श्रम कार्ड बनाने के मामले में 9784076 ई-श्रम कार्ड के साथ गुजरात देशभर में आठवें नंबर पर है। इनमें सूरत दूसरे नंबर पर है। यहां 876429 कार्ड बने हैं। सूरत से ज्यादा 903190 कार्ड अहमदाबाद में बने हैं। इस मामले में उत्तर प्रदेश पहले नंबर पर है। 12827194 कार्ड के साथ राजस्थान कार्ड बनवाने के मामले में देशभर में सातवें नंबर पर है।
मनपा ने जोनवार दी जिम्मेदारी
ई-श्रम कार्ड बनवाने के लिए मनपा भी अपने स्तर पर सहयोग कर रही है। मनपा प्रशासन ने जोनवार अधिकारियों को अपने क्षेत्र में मनपा की साइट्स पर जाकर श्रमिकों को ई-श्रम कार्ड के फायदे बताने शुरू किए हैं। सरकार की एजेंसी भी उनके साथ जाती है और कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू करती है। मनपा ने शहर की सीमा में निजी कंस्ट्रक्शन साइट्स और मेट्रो साइट्स पर जाकर भी श्रमिकों को समझाने का सिलसिला शुरू किया है।