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Shri Dev Narayan Mandir: इस मंदिर के नीम पत्तों से आते हैं अलग-अलग स्वाद, अनसुलझे हैं यहां के रहस्य

Shri Dev Narayan Mandir: श्री देव नारायण मंदिर भीलवाड़ा (राजस्थान) के मालासेरी डूंगरी (Shree Dev Narayan Malaseri Dungari Bhilwara) में है। मान्यता है कि भगवान श्री देव नारायण (shri dev narayan), भगवान विष्णु के अवतार हैं। इनकी पूजा पूरे देश में होती है। मंदिर से जुड़े कई अनसुलझे रहस्य हैं, जिसकी पूरे देश में चर्चा होती है। पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) 28 जनवरी को इस मंदिर पहुंचे और भगवान की पूजा की। इसलिए मंदिर आज सुर्खियों में है।

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Pravin Pandey

Jan 28, 2023

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shri dev narayan temple

भगवान श्री देव नारायण कथाः लोगों के अनुसार (shri dev narayan ki katha) भीलवाड़ा के मालासेरी डूंगरी पर माता सूडू की अखंड तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु श्रीदेव नारायण के रूप में शक संवत 968 माघ महीने की छठ सातम शामी रात शनिवार को चट्टान से कमल पर प्रकट हुए थे। किंवदंती है कि इस समय कुछ समय के लिए मालासेरी सोने की हो गई थी, जिस पर इंद्र देव ने बरसात की और 33 कोटि देवताओं ने पुष्प वर्षा की।


यह भी मान्यता है कि इस दौरान स्वर्ग से पांच गाय उतरीं। कहा जाता है कि इस अवतार से छह माह पहले ही भादवी छठ पर इसी स्थान पर एक अन्य सुरंग से देवजी के घोड़े लीलाधर और उसके पास की सुरंग से नाग वासक का अवतार हो चुका था। जिस जगह कमल का फूल निकला, वहां अनंत सुरंग है। यहीं पर भगवान देवनारायण की मूर्ति है और मंदिर में अखंड ज्योत है। देवजी की तीन रानियों में से एक पीपलदे धारा के परमार राजा की बेटी थी। जबकि दो अन्य रानियां नागकन्या और दैत्यकन्या थीं।

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मंदिर से जुड़े रहस्यः श्री देव नारायण मंदिर से कई रहस्य जुड़े हैं, जिसका आज तक जवाब लोगों को नहीं मिल पाया है। उन्हीं में से एक है मानव निर्मित वस्तुओं से दूर गुफा। बताते हैं कि प्राकृतिक चट्टान की छत वाली गुफा में कोई विद्युत उपकरण काम नहीं करता। वहीं मालासेरी डूंगरी के पत्थर का दुनिया के दूसरी जगहों पर मिलने वाले पत्थरों से कोई मिलान नहीं होता। हालांकि कुछ शोधकर्ताओं का कहना है कि यहां भूकंप आने से ये पत्थर धरती से निकले होंगे।


यहां की एक मान्यता है कि यहां हर रोज नाग वासक दूध पीने आते हैं। इसके लिए उन्हें देसी गाय का दूध रखा जाता है। यह भी कहा जाता है कि भाग्यशाली भक्तों को वासक दर्शन भी देते हैं। यहां सैकड़ों साल से गुर्जर समाज के पोसवाल गोत्र के भोपाजी पूजा करते आ रहे हैं, जिसमें हेमराज पोसवाल सक्रिय पुजारी हैं। सावन और भादव महीने में लाखों लोग झंडा लेकर पूजा करने आते हैं। यहां 12 महीने 24 घंटे भंडारा चलता है और गुर्जर समाज की आस्था का बड़ा केंद्र है।

आरती का समयः श्रीदेव नारायण मंदिर में चार समय आरती की जाती है।
मंगल आरती प्रातः 4 बजे
सूर्योदय आरती प्रातः 8 बजे
श्रृंगार आरती दोपहर 1 बजे
गोधूलि आरती शाम 7 बजे