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Skand Shashthi 2023: ये हैं भगवान कार्तिकेय के प्रमुख मंदिर, खूबसूरती के लिए दुनिया में मशहूर

स्कंद षष्ठी व्रत (Skand Shashthi 2023) मुख्य रूप से दक्षिण भारत के हिंदू समुदाय के लोग रखते हैं। यह भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय की पूजा के लिए समर्पित दिन है, जिन्हें यहां मुरुगन के नाम से जाना जाता है। स्कंद षष्ठी (Skand Shashthi 2023) पर आइये बताते हैं कि भगवान कार्तिकेय के प्रमुख मंदिर कहां (temples of Lord Kartikeya) हैं।

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Feb 24, 2023
स्कंद षष्ठी व्रत

मुरुगन मंदिरः दक्षिण भारत में भगवान कार्तिकेय छह प्रमुख आवास माने जाते हैं, यहीं पर ये मंदिर बने हैं। भगवान कार्तिकेय के इन छह आवास को आरुपदै विदु के नाम से जाना जाता है। तमिलनाडु प्रदेश में भगवान मुरुगन के भक्तों के लिए ये मंदिर प्रमुख तीर्थस्थानों में से एक हैं।


1. पलनी मुरुगन मंदिरः भगवान कार्तिकेय का यह मंदिर तमिलनाडु में कोयंबटूर से 100 किमी दक्षिण-पूर्व में डिंडिगुल जिले के पलनी में स्थित है। मुरुगन स्वामी का यह मंदिर शिवगिरि पर्वत पर स्थित है। पर्वत की ऊंचाई 160 मीटर है। यहां रोपवे और ट्रेन से भक्त आतेजाते हैं। कहा जाता है कि एक बार कार्तिकेय रूठकर कैलाश से यहां चले आए थे और यहां तपस्या करने लगे, बाद में शिव पार्वती उन्हें लेने आए।


इस मंदिर को चेरा राजाओं ने बनवाया था। इसके मुख्य गोपुरम को सोने से मढ़ा गया है। मुख्य मंदिर के दाहिनी ओर आयुर्वेद के विद्वान ऋषि बोगार की समाधि है।


2. स्वामीमलई मुरुगन मंदिरः यह मंदिर तमिलनाडु के कुंभकोणम के पास है। यहां कार्तिकेय के बालरूप की पूजा की जाती है। इन्हें बालामुर्गन के नाम से जाना जाता है। पहाड़ी पर स्थित मंदिर तक पहुंचने के लिए 60 सीढ़ियां पार करनी होती हैं। यह सीढ़ियां वर्ष चक्र को दिखाती हैं। यह मंदिर मरुगन के अन्य मंदिरों से काफी अलग है। क्योंकि यहां मुरुगन मोर नहीं एरावत हाथी पर सवार रहते हैं। कहा जाता है भगवान इंद्र ने एरावत उन्हें भेंट किया था। कहा जाता है यहां भगवान मुरुगन ने आकर भगवान शिव की पूजा का मंत्र बताया था।


3. तिरुत्तनी मुरुगन मंदिरः यह मंदिर (tiruttani murugan temple) तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से 84 किमी की दूरी पर तिरुवल्लुर जिले में स्थित है। यह मुरुगन के छह प्रसिद्ध मंदिरों में से एक हैं, जहां पहुंचने के लिए 365 सीढ़ियां पार करनी पड़ती हैं, जो साल के 365 दिनों को दिखाते हैं। इस जगह का जुड़ाव पूर्व राष्ट्रपति डॉ. राधाकृष्णन से भी है।


4. पज्हमुदिर्चोलाई मुरुगन मंदिरः यह मंदिर तमिलनाडु में मदुरई से 10 किमी उत्तर में स्थित है। मीनाक्षी मंदिर से इसकी दूरी करीब 25 किलोमीटर दूर है, यहां ये दोनों पत्नियों के साथ विराजित हैं। इसलिए गृहस्थ रूप में पूजित हैं।


5. श्री सुब्रहमन्य स्वामी देवस्थानम, तिरुचेन्दुरः यह मंदिर तूतुकुडी से 40 किमी दक्षिण में स्थित है। मदुरई से 155 किमी दूर समुद्र किनारे यह मंदिर है। यहां भगवान योद्धा के रूप में विराजमान हैं।


6. तिरुप्परनकुंद्रम मुरुगन मंदिरः यह मंदिर मदुरई से 10 किमी दक्षिण में स्थित है। यहां इन्होंने इंद्र की बेटी देवयानी से विवाह किया था। मान्यता है कि अविवाहित लोग यहां दर्शन करते हैं तो इनका शीघ्र विवाह होता है। इस मंदिर को राजा मारवाबर्मन सुंदर पांडियन ने बनवाया था।
7. मरुदमलै मुरुगन मंदिरः यह कोयंबतूर का उपनगर है और एक प्रमुख तीर्थस्थान हैं। इसके अलावा कर्नाटक के मंगलौर शहर के पास कुक्के सुब्रमण्या मन्दिर भी मुरुगन को समर्पित प्रसिद्ध तीर्थस्थान है।

कब है स्कंद षष्ठीः फाल्गुन महीने में स्कंद षष्ठी 25 फरवरी शनिवार को पड़ रही है। फाल्गुन षष्ठी की शुरुआत 25 फरवरी 12.31 एएम से हो रही है और यह तिथि 26 फरवरी 12.20 एएम तक है।

Updated on:
24 Feb 2023 04:19 pm
Published on:
24 Feb 2023 04:15 pm
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