15 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

गबन के दोषी पालिकाध्यक्ष, कैशियर व अधिशासी अधिकारी पर प्राथमिकी दर्ज करने की मांग को लेकर जिला कलक्टर के नाम एसडीओ को सौंपा ज्ञापन

5-6 माह गुजर जाने के बावजूद भी अब तक किसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। तीनो दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाए।  

2 min read
Google source verification
Memorandum assigned

उनियारा उपखण्ड कार्यालय में गबन में मामले में ज्ञापन देने जाते लोग।

उनियारा. नगरपालिका में हुए 3.50 लाख के गबन के मामले को लेकर पार्षदों सहित भाजपा एवं कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने दोषी कर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की मांग को लेकर जिला कलक्टर के नाम उपखण्ड अधिकारी कैलाशचंद गुर्जर को ज्ञापन सौंपा।

पार्षद चिंरजीलाल सैनी, दिनेश पाटोदी, नईम नाज, घासीलाल जैन आदि ने आरोप लगाया कि तत्कालीन कैशियर लक्ष्मीकांत शर्मा, अधिशासी अधिकारी एवं नगरपालिकाध्यक्ष ने मिलकर नगरपालिका में 3.50 लाख रुपए की राशि का गबन किया है।

इसमें 5-6 माह गुजर जाने के बावजूद भी अब तक किसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। तीनो दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाए। ज्ञापन सौंपने वालों में गणेश जोशी, दिनेश पाटोदी, नईम नाज, कमरूद्दीन खान, पार्षद कन्हैया ठाडा, घासी लाल जैन, गुलाबचंद महावर आदि मौजूद थे।

ये था मामला
टोंक. नगर पालिका उनियारा में एक कनिष्ठ लिपिक की ओर से करीब साढ़े तीन लाख रुपए का गबन करने एवं स्थानांतरण होने पर बिना वसूली के कार्यमुक्त करने के मामले का समाचार राजस्थान पत्रिका के 31 जुलाई के अंक में प्रकाशित हुआ था।

जिसमें सामने आया कि चार माह तक पालिका प्रशासन से दबाए रखे गए गबन प्रकरण में अभी तक मामले में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई है। जानकारी अनुसार गत 16 दिसम्बर 2015 से पालिका उनियारा में कैशियर पद पर कार्यरत कनिष्ठ लिपिक लक्ष्मीचंद शर्मा का 5 दिसम्बर 2017 को स्थानांतरण होने पर उसे तत्काल पालिका से बिना कैश मिलान किए, यहां से कार्य मुक्त कर दिया गया।

इसके करीब दो माह बाद कैश का कार्य कनिष्ठ लिपिक सीता शर्मा को दिया गया। कैश मिलान करने पर पता चला कि लक्ष्मीकांत ने कृषि भूमि नियमन से आय एवं अन्य कैश (नकदी) को बैंक शाखाओं में जमा नहीं कराकर स्वयं के पास रख ली, जिसे गबन की श्रेणी में माना गया।

पालिका द्वारा पत्रांक 5392, 5647 क्रमश:16 जनवरी 2018 एवं 02 फरवरी 2018 को राशि के बाबत नोटिस भी जारी किए गए, लेकिन लक्ष्मी चंद की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया। तत्कालीन अधिशासी अधिकारी सीमा चौधरी ने अंतिम नोटिस 12 मार्च को जारी किया,

जिसमें बताया कि सरकारी नकदी लगभग पांच लाख रुपए या कैश के अन्तराल को मय 18 प्रतिशत ब्याज बैंक में जमा करा सात दिन में बैंक चालान कैश शाखा में जमा करवाए। ऐसा नहीं करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई, वसूली व मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। इसकी सूचना लक्ष्मीकांत के स्थानांतरित कार्यालय पालिका सूरजगढ़ जिला झुंझुनूं के अलावा स्वायत्त शासन विभाग अजमेर एवं जयपुर भी भेजी गई।


सवाल मांग रहे जवाब
लक्ष्मीकांत का स्थानांतरण होने पर बिना कैश मिलान किए ही उसे कार्यमुक्त कर दिया गया। अन्य को चार्ज देते समय कैश का मिलान नहीं किया। कैश संभाल रहे लक्ष्मीकांत का स्थानांतरण होने के दो माह गबन का पता चला

जबकि कैश 24 घंटे में बैंक शाखाओं में पालिका खाते में जमा होता है। अधिशासी अधिकारी एवं पालिकाध्यक्ष के अनुसार गबन का दो माह बाद पता चला, ऐसे में दो माह तक कैश का मिलान नहीं किया, जो संदेह के दायरे में आता है। मामले में अभी तक प्राथमिकी भी दर्ज नहीं हुई है।