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ना हुई हरियाली और नाही रूक सका मिट्टी का कटाव, बनास नदी के किनारे प्लाटेंशन में लगाए चालीस हजार पौधे देखरेख के अभाव में हुए नष्ट

बनास नदी के पेटे में लगाए गए प्लान्टेशन में 8 0 फीसदी से अधिक पौधे नष्ट हो गए हं  

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 प्लाटेंशन

बनेठा के समीप लगाए गए प्लाटेंशन के बने गड्ढे एवं नष्ट हुए पौधे।

बनेठा. कस्बे के समीप हजारों बीघा जमीन में वन विभाग के माध्यम से किया गया प्लाटेंशन सुनियोजित योजना के अभाव एवं देखरेख के अभाव में मात्र दो वर्ष में ही नष्ट होने के कगार पर है। इससे पर्यावरण एवं भूमि संरक्षण के लिए बनाई गई बड़ी योजना मात्र दिखावा साबित हुई है।


बनेठा के समीप बनास नदी के पेटे में एक सौ हैक्टेयर भूमि पर दो वर्ष पूर्व वन विभाग ने मीणों की झौपडिय़ा से सुरेली तक बनास नदी के किनारे दो सेक्टर बनाकर ए व बी सेक्टर भूमि में 20-20 हजार पौधे लगाए थे, लेकिन पौधारोपण के समय पौधों की सुरक्षा एवं संरक्षण के लिए लोहे की जालियां व खाद तथा जल का उचित प्रबन्ध नहीं किया गया।

इससे लगाए गए हजारों पौधों को मवेशी खा गए। वहीं हजारों पौधे जल व सुरक्षा के अभाव में दम तोड़ गए। साथ ही वर्षाकाल के दौरान ईसरदा कॉपर डेम में आए ओवरफ्लो पानी आ जाने से बनास नदी में आई बाढ़ के कारण हजारों पौधे पानी में बह गए। इससे विभागीय पौधोरोपण योजना टांय-टायं फिस हो गई।

एक ही कर्मचारी के भरोसे है सुरक्षा
बनास नदी के पेटे में लगाए गए प्लान्टेशन में 8 0 फीसदी से अधिक पौधे नष्ट हो गए हंै तथा बनेठा से सुरेली तक बनास के पेटे में एक सौ हैक्टेयर भूमि के सेक्टर ए व बी में शेष रहे पौधों की जिम्मेदारी एक ही कर्मचारी के भरोसे होने से शेष पौधों की भी पूर्णरूप से सुरक्षा नहीं हो पा रही है।


बनास नदी के पेटे में पूुर्व में लगे हुए वृक्ष ही हरियाली दिखाते नजर आते है। बनास नदी में पौधारोपण के बाद विभागीय अनदेखी से वन भूमि पर हो रहे अवैध बजरी खनन से बनास नदी में लगाए गए पौधे अवैध खनन की भेंट चढ़ गए। इससे विभागीय उद्देेश्य पूरा नहीं हो सका।

बनास नदी के पेटे एवं किनारों पर लगाए गए हजारों पौधों को लगाए जाने के लिए विभागीय कार्य योजना के तहत लाखों रुपए खर्च किए गए थे, लेकिन विभागीय कार्य योजना अधूरी होने तथा सुरक्षा एवं संरक्षण का जिम्मा किसी के पास नहीं होने से हजारों पौधे नष्ट हो गए। इससे बनास नदी में न तो हरियाली हो सकी न ही मिट्टी का कटाव
रूक सका।

बनेठा में प्लाटेंशन का कार्य उनके समय में नहीं हुआ। प्लाटेंशन के लिए गए पौधों में से हजारों पौधे बनास में गत वर्ष आई बाढ़ के कारण बह जाने की जानकारी है तथा उन्हें इससे अधिक जानकारी नहीं है।
दशरथ सिंह राठौड़, क्षेत्रीय वन अधिकारी, अलीगढ़