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जलचरों का जीवन खतरे में, ग्रामीण डलवा रहे सूखे तालाब में टेकरों से पानी

तालाब में पानी कमी होने से इन मछलियों को जीवन के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है।  

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देवली के गाडोली के तालाब बना तरणताल तथा पानी में मौजूद मछलियां।

देवली. गत वर्ष पर्याप्त बारिश नहीं होने के चलते पूर्ण भराव से वंचित रहे क्षेत्र के तालाब व नाडियां अब सूखने के कगार पर हैं। ऐसे में क्षेत्र के एकाध तालाब ही ऐसे है, जिनमें पानी भरा है। शेष अधिकतर तालाब पानी के अभाव में रीते हंै। इसका खासा असर जलीय जीवों व मवेशियों पर पड़ रहा है। क्षेत्र के गाडोली गांव में इन दिनों स्थिति बेहद खराब है।

जहां सैकड़ों बीघा क्षेत्रफल में फैला तालाब महज तरणताल बनकर रह गया है। उक्त तालाब गाडोली स्थित नीलकंठ महादेव मन्दिर के परिसर में है। जहां बारिश के दिनों में घाटों के समीप करीब 20 से 25 फीट तक पानी भरा रहता है। उक्त तालाब अपने विशाल आकार के चलते मिनी झील के समान दिखता है, लेकिन गत वर्ष हुई अपर्याप्त बारिश से गाडोली सहित क्षेत्र के तालाब व नाडियां नहीं भर पाई।

वहीं वर्ष भर इनके पानी के उपयोग से अब ये खाली हो गए। उल्लेखनीय है कि गाडोली गांव के तालाब में हजारों की संख्या में मछलियां है, जिनका कई वर्षों से भरण-पोषण ग्रामीण व श्रद्धालुओं से हो रहा है। यहां आने वाले अधिकतर श्रद्धालु अपने साथ आटा लाते हंै, जो दर्शनों के बाद मछलियों को आटा जरूर डालता है, लेकिन तालाब में पानी कमी होने से इन मछलियों को जीवन के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है।

मौजूदा हालात में कम पानी के बीच जीवित हजारों मछलियां मुश्किल से अपनी सांसे गिन रही हैं। श्रद्धालु कुलदीप सिखवाल, अमित पंचोली, कुलदीप चौधरी आदि ने बताया कि तालाब में पानी कम होने की दशा में हर वर्ष श्रद्धालु अपने खर्च पर टैंकरों से तालाब में पानी डलवातेे हैं। इस बार भी टैंकरों से पानी डालवाया जा रहा है। उन्होंने क्षेत्र के लोगों व श्रद्धालुओं से उक्त कार्य में सहयोग कर पानी डलवाने की अपील की है।


ये भी सूखे तालाब
बारिश कम होने के चलते इस बार क्षेत्र के पनवाड़, देवली गांव, सिरोही, चांदली, ऊंचा, टीकड़ आदि पंचायतों के तालाब व नाडियों का पानी भी सूख गया है। इसके चलते मवेशियों के लिए पीने का पानी भी मुश्किल मिल रहा है। वहीं हजारों मछलियां व जलीय जीव खत्म हो गए।


इसके अलावा किसानों को खेती करने में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्र के किसानों ने बताया कि यदि इस वर्ष बारिश पर्याप्त नहीं हुई, तो किसानों को सर्वाधिक आर्थिक नुकसान होगा।