
जलदाय मंत्री के क्षेत्र मालपुरा में फ्लोराइड युक्त पेयजल पी रहे लोग, अब मिलेगी मुक्ति
टोंक जिले के मालपुरा क्षेत्रीय विधायक कन्हैयालाल चौधरी को जन स्वास्थ्य अभियान्त्रिकी व भूजल विभाग जैसे महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी मिलने से ग्रामीण क्षेत्रों में फ्लोराइड युक्त पेयजल से मुक्ति मिलने की आस बढ़ी है। शुक्रवार को सरकार के मंत्रियों को विभागों का बंटवारा कर दिया गया। मालपुरा के 45 गांवों में फ्लोराइड युक्त पेयजल की समस्या है।
इसमें मालपुरा के क्षेत्रीय विधायक कन्हैयालाल चौधरी को जन स्वास्थ्य अभियान्त्रिकी व भूजल विभाग का मंत्री बनाया गया है। पेयजल जैसे आमजन से जुड़े विभाग की जिम्मेदारी मिलने से जहां एक ओर क्षेत्र के लोगो में खुशी है। वहीं दूसरी ओर अब तक ग्रामीण क्षेत्रों के लोग शुद्ध पेयजल के स्थान पर फ्लोराइड युक्त पेयजल पीने को मजबूर हैं। ऐसे में अब भी मुक्ति मिलेगी।
बीसलपुर बांध से मिल रही कम सप्लाई
जानकारी के अनुसार जलदाय विभाग मालपुरा शहरी क्षेत्र में 5.5 एमएलडी पेयजल आवश्यकता के विपरीत केवल 3.4 एमएलडी पेयजल बीसलपुर बांध से सप्लाई कर पा रहा है। यह सप्लाई भी पूरी तरह से बीसलपुर बांध से आ रहे पेयजल पर निर्भर है।
वहीं यदि ग्रामीण क्षेत्रों में केन्द्र सरकार की जल जीवन मिशन योजना लागू होने के बाद गांवों में जलदाय विभाग की ओर से लगे सार्वजनिक नलों को बंद कर घर-घर नल कनेक्शन दे तो दिए, लेकिन बीसलपुर बांध से कम सप्लाई मिल रही है।
ऐसे में जलदाय विभाग बीसलपुर से आ रहे शुद्ध पेयजल में स्थानीय पेयजल स्त्रोतों से आ रहे फ्लोराइड युक्त पेयजल को मिलाकर गांवों में सप्लाई दे रहा है। सूत्रों ने बताया कि यदि बीसलपुर बांध से मालपुरा क्षेत्र के लिए अलग से पाइप लाइन डाली जाए। वहीं बीसलपुर बांध से मिल रहे पेयजल की क्षमता को बढ़ाया जाए तो समस्या का हल निकल सकता है।
4 पीपीएम से अधिक फ्लोराइड युक्त पानी वाले गांव:
जलदाय विभाग की ओर से वर्ष 2014 में उपखण्ड क्षेत्र के 45 गांवों में 179 हैण्डपम्पों के पानी की जांच की गई थी। इनमें मात्र 29 हैण्डपम्पों में ही पीने योग्य पानी पाया गया। गावों में कराई गई जांच में डिग्गी के दामोदरपुरा के प्राथमिक विद्यालय में लगे हैण्डपम्प में 28 पीपीएम, बरोल बागरिया ढाणी में 12.5, भीपुर 10, लावा के हजारीपुरा, चौरूपुरा में 10,हाथकी में 10, कांटोली, नयागांव जाटान, गुजरान, किशनपुरा, लाम्याजुनारदार में 9, मोरला, अजमेरी, श्रीनगर में 8, गोपालपुरा, जानकीपुरा, सुरजपुरा, प्रतापपुरा, बीडगणवर, लावा के नयागांव में 7, चावण्डिया, कलमण्डा, धोला खेडा, लावा के गणेशपुरा व भैरूपुरा में 6, सुरजपुरा, बागरिया ढाणी मोरला, दडावट, लडी, गणेशपुरा, कचोलिया, अमरपुरा, आवडा, सेलसागर, बैरवा ढाणी बरोल, केरिया, गणवरबास, चबराना, लावा के बालापुरा में 5, धानोता, बागडी, पारली, टोरडी, कुम्हारियां, भवानीपुरा व इस्लामपुरा गांवों के विद्यालयों में लगे हैण्डपम्पों में 4 पीपीएम की मात्रा जांच में पाई गई थी।
Published on:
06 Jan 2024 12:35 pm
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