कब इमोशनल हो जाते हैं लोग
फिल्म ‘बर्फी’ फेम निर्देशक अनुराग बसु ने हाल ही हिन्दुस्तान टाइम्स से बातचीत में रियलिटी शोज में इमोशनल स्टोरीज पर कहा कि वे दूसरे शोज के बारे में कुछ नहीं कह सकते हैं, लेकिन उनके शो ‘सुपर डांसर चैप्टर 4’ में सभी प्रतियोगी जो भी करते हैं वह ऑर्गेनिक होता है। स्टेज पर इमोशनल सीन के बारे में उन्होंने बताया कि कैसे कई बार चीजें इमोशनल हो जाती हैं। जब कभी डांस एक्ट में या किसी सिचुएशन में कला इमोशनल होती है तो लोग उसमें दिखाए इमोशंस से जुड़ जाते हैं। हालांकि उन्हें नहीं लगता कि उनकी यूनिट चीजों को बढ़ाचढ़ा करने दिखाने में शामिल है। उन्होंने यह भी कहा कि जजेज भी ऐसी स्टोरीज को प्रोत्साहन नहीं देते हैं जिनमें सच्चाई न हो।
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‘झूठे इमोशन नहीं ला सकते’
अन्य शोज में कथित फेक इमोशनल स्टोरीज दिखाए जाने के मामले पर अनुराग ने कहा कि उन्होंने केवल बच्चों के रियलिटी शोज जज किए हैं। वे सारे ऑर्गेनिक होते हैं और झूठे इमोशन नहीं ला सकते हैं। कभी-कभार शो अपने आप इस तरह का रूप ले लेते हैं और बच्चे इतने मासूम होते हैं कि उनका व्यक्तित्व और बैकग्राउंड नया आकार दे देता है। यहां तक कि जजेज भी उनके साथ फ्लो में बह जाते हैं और उनके साथ शूट करते हैं क्योंकि हर बच्चा अलग होता है। अनुराग ने आगे कहा कि जज के रूप में वे पता करते हैं कि दो एपिसोड के बीच प्रतियोगियों की तैयारी कैसी चल रही है। उन्हें तैयारी करने के लिए भी पर्याप्त समय दिया जाता है।
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गौरतलब है कि अनुराग बसु ने कुछ ऐसी मूवीज इंडस्ट्री को दी हैं जो अपने आप में मिसाल हैं। इन मूवीज के लिए उन्हें दर्शकों और समीक्षकों की प्रशंसा भी मिली है। उनकी लिखी और निर्देशित ऐसी ही कुछ मूवीज में ‘मर्डर’, ‘काइट्स’, लाइफ इन ए मेट्रो’, ‘गैंगेस्टर’, ‘बर्फी’, ‘जग्गा जासूस’, ‘लूडो’ व अन्य नाम हैं।