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चंदनसिंह देवड़ा/उदयपुर.बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर जितनी गंभीरता बरती जाती है उससे ज्यादा गंभीरता उनमें डाले जाने वाले संस्कारों को लेकर होना जरुरी है। क्योंकि समाज में अच्छे संस्कारों के बलबूते ही हम अच्छे नागरिक खड़े कर पाएंगे। बच्चों में संस्कार हमारी संस्कृति और विरासत को दर्शाती है। इसी को लेकर पहली बार Aanganwadi Kendra आंगनवाड़ी केन्द्रों पर बच्चों में संस्कारों की घुट्टी दी जाएगी। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा 18 नवम्बर से बाल सप्ताह मनाया जाएगा। पहली बार मनाए जा रहे इस तरह के बाल सप्ताह में कई रचनात्मक एवं बौद्धिक कार्यक्रम होंगे।
छलकेगी बाल कल्पनाएं और उमंगों का रंग...
बाल विकास के लिए जिले के सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों पर सात दिनों तक जो कार्यक्रम प्रस्तावित किए हैंं उसमें सोमवार को स्वच्छता दिवस मनाएंगे जिसमें बच्चों को सफाई का महत्व बताया जाएगा। खेल दिवस को लेकर बच्चों को मनभावन खेल खिलाया जाएगा। रंग भरो दिवस में सेंटर पर उपलब्ध किलकारी उमंग एवं तरंग पुस्तकों में दिए चित्रों में रंग भरवाए जाएंगे। स्वास्थ्य दिवस के दिन बच्चों का वजन, लम्बाई लेने के साथ पौष्टिक आहार की जानकारी देंगे। संस्कार दिवस पर बच्चों में नैतिक व मनारेंजक कहानियों के माध्यम से नैतिक विकास कराया जाएगा। आखिरी दिन कल्पना दिवस में माता पिता के साथ बच्चों की कल्पनाओं से संबंधित स्वच्छंद गतिविधियों का संचालन करेंगे।
सप्ताह भर रोज अलग अलग रेसिपी..
इस आयोजन को लेकर 3 से 6 साल तक के बच्चों को रोजाना अलगल रेसिपी खिलाई जाएगी जिसमें फल के साथ मीठा दलिया, बेसन हलवा, दाल बाटी, तिल के लड्डू, रोटी सब्जी, मूंगफली की चक्की, दाल चावल, अंकुरित मूंग मोठ, कढ़ी चावल, बाजरा या मूंग की खिचडी अलग अलग दिन खिलाई जाएगी।
इनका कहना....
सभी उपनिदेशक और परियोजना अधिकारियों को इस आयोजन के निर्देश दे दिए गए है। बाल सप्ताह में रचनात्मक गतिविधियों से बच्चों में नई उर्जा और उमंग का संचार होगा।
मुकेश कुमार,अतिरिक्त निदेशक (पोषाहार) समेकित बाल विकास
Published on:
18 Nov 2019 02:44 pm
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