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ऐसे तो आने वाली पीढ़ियां मेवाड़ का इतिहास ही भूल जाएंगी, कहीं प्रताप का महल हुआ खण्डहर तो कहीं रास्ते टूटे फूटे

उदयपुर. महाराणा प्रताप के राजतिलक स्थल के साथ ही चावंड स्थित उनकी निर्वाण स्थली की हालत भी दयनीय है।

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condition of maharana pratap palace and roads in chawand udaipur

ऐसे तो आने वाली पीढ़ियां मेवाड़ का इतिहास ही भूल जाएंगी, कहीं प्रताप का महल हुआ खण्डहर तो कहीं रास्ते टूटे फूटे

उदयपुर. महाराणा प्रताप के राजतिलक स्थल के साथ ही चावंड स्थित उनकी निर्वाण स्थली की हालत भी दयनीय है। प्रताप का खंडहर हो चुका महल, इतिहास के उन गौरवशाली पलों की आज भी गवाही देता नजर आ रहा है। यहां प्रताप के महल तक जाने वाला मार्ग टूटा-फूटा है तो नए बने स्मारक भी क्षतिग्रस्त हो गया है। हर शख्स को चुभने वाली बात यह है कि यहां प्रताप की जयंती व पुण्यतिथि पर भरने वाला मेला भी बंद कर दिया गया है।

मेले में आने वाले बच्चे व बड़े, प्रताप के व्यक्तित्व व कृतित्व का लाभ लेते थे, लेकिन बिना किसी पूर्व सूचना के मेला बंद कर दिया गया। इसके पीछे यह सामने आया कि जो कुछ किया वह महाराणा प्रताप स्मारक समिति चावंड को ने ही किया, प्रशासन की कोई मदद नहीं मिली। अब उदयपुर शहर की तरह यहां भी प्रताप स्मारक व समाधि स्थल को एक पवित्र उपवन की तरह विकसित करने की आवश्यकता है। प्रताप का महल व स्मारक स्थल चारों तरफ से कंटीली झाडिय़ों से अटा है।

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एक बार विकसित फिर भूले
उदयपुर से 60 किलोमीटर दूर चावंड स्थित महाराणा प्रताप स्मारक स्थल के ऊपर का पार्क समिति ने अपने फंड से एक बार विकसित किया था, लेकिन बाद में कोई मदद नहीं मिली तो फिर वह उजाड़ हो गया। अब यहां पर्यटन विभाग ने 48 लाख रुपए की स्वीकृति दी है। संस्थान पदाधिकारियों के अनुसार वे यहां हर आयोजन में मदद करने को तैयार हैं।


छह साल से मेला बंद
बताते है कि प्रताप की जयंती व पुण्यतिथि पर कई आयोजन चावंड में होते है, वहां मेला भी भरता था लेकिन पिछले करीब छह साल से वहां मेला बंद है। इसका एक कारण उस समय समिति का सक्रिय नहीं होने तथा बजट नहीं होना है। लोगों ने बताया कि मेला लगाने के लिए प्रशासन ने कभी सहयोग के लिए कदम आगे नहीं बढ़ाया है, जबकि होना यह चाहिए कि प्रताप के इस ऐतिहासिक स्थल पर मेले को लेकर प्रशासन पूरा सहयोग करें।


अफसोस...प्रताप से जुड़े स्थलों की दुर्दशा
पत्रिका टीम प्रताप जयंती तक उन स्थलों की दुर्दशा की तरफ ध्यान दिलाएगी, जो प्रताप से जुड़े हैं और आज भी अपने मान-सम्मान के लिए तरस रहे हैं।प्रताप का मान और बढ़ाएं। हमें इस नम्बर पर वाट्सएप करें 9829075324, 9829243904, 9460103778