
उदयपुर . गोगुंदा प्रधान और विकास अधिकारी के बीच विवाद की गुत्थी सुलझती नहीं दिख रही है। सरकारी इमारत यानी पंचायत समिति कार्यालय परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाने का कार्य बिना किसी प्रशासनिक अनुमति के लगाने का विवाद अब सामने आया है।
बताया गया कि पंचायत समिति परिसर में 7 से 9 सीसीटीवी कैमरे और करीब तीन एलईडी लगे हैं। इसके अलावा विशेष सर्वर भी लगाया हुआ है जिनकी बाजार में कीमत करीब 3 लाख रुपए आंकी गई है। इधर, विकास अधिकारी मनहर विश्नोई ने बताया कि पंचायत समिति स्तर पर किसी को भी सीसीटीवी लगाने के कार्यादेश नहीं दिए गए हैं। न ही सीसीटीवी को लेकर कोई भुगतान किया गया है।
सरपंच पर राजनीति करने का आरोप
दूसरी ओर मोड़ी सरपंच के साथ दुव्र्यवहार को गलत बताते हुए क्षेत्रीय राजपूत समाज के कुछ कार्यकर्ताओं ने गृहमंत्री के नाम उपखण्ड अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। समाज सहित अन्य लोगों की ओर से दिए गए ज्ञापन में बताया गया कि मोड़ी सरपंच व्यक्तिश: कांग्रेस पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता हैं और कांग्रेस के शीर्ष जिला पदाधिकारी के नजदीकी भी हैं। प्रधान और कांग्रेस के देहात जिलाध्यक्ष के बीच बायपास स्थित एक भूखण्ड को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। इसी तरह ऑडियो में दर्ज आवाज भी प्रधान की नहीं है। राजनीति के नाम पर समाज विशेष को गुमराह किया जा रहा है।
वाल्मीकि समाज की शिकायत दर्ज
इधर, प्रधान द्वारा मोड़ी सरपंच प्रहलादसिंह झाला को मोबाइल पर दी गई गालियों एवं सामाजिक तौर पर अपमानित करने वाले शब्दों पर सर्व वाल्मीकि समाज, गोगुन्दा ने आपत्ति दर्ज करवाते हुए उपखण्ड अधिकारी गोगुंदा को ज्ञापन सौंपा है। समाज के प्रतिनिधियों ने ज्ञापन में बताया कि मोड़ी सरपंच के लिए प्रधान की वायरल ऑडियो में अशोभनीय शब्दों का इस्तेमाल हुआ है। मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया तो समाज की ओर से आंदोलन किया जाएगा।
मैंने लगवाए, हटवा लूंगा
पंचायत समिति में प्रधान और बीडीओ कक्ष को छोडकऱ सीसीटीवी लगे हुए हैं। व्यवस्था सुधार की दृष्टि से सीसीटीवी लगवाए थे। कार्यकाल समाप्ति पर इन्हें वापस निकाल लूंगा। कोई भुगतान भी नहीं लिया है। मोड़ी सरपंच के ऑडियो को राजनीतिक तूल दिया जा रहा है। न तो वो मेरा ऑडियो है और न ही मैंने किसी को गाली दी है।
पुष्कर तेली, प्रधान, पंचायत समिति गोगुंदा
दिए हैं निर्देश
वाल्मीकि समाज ने ज्ञापन सौंपा है। इस मामले में गोगुंदा थाना प्रभारी को निर्देश दिए हैं। ऑडियो का मामला पहले से पुलिस जांच में है। रिपोर्ट में प्रधान के दोषी पाने पर एफआईआर दर्ज की जाएगी। इस बारे में उच्चाधिकारियों से भी बातचीत हो चुकी है।
अंजली राजोरिया, उपखण्ड अधिकारी, गोगुंदा
Published on:
17 Jan 2018 11:51 am
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