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कोर्ट के आदेशों की पालना तो नहीं बस राजस्व वसूली पर जोर

- बजरी के बंद ताले की सरकारी चाबी है ‘एमसेन्ड’, खनन नहीं रोक पा रहा सिस्टम - बजरी पर हाइकोर्ट की रोक के कारण जल्द ही एमसेन्ड नीति हो सकती है प्रभावी

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कोर्ट के आदेशों की पालना तो नहीं बस राजस्व वसूली पर जोर

कोर्ट के आदेशों की पालना तो नहीं बस राजस्व वसूली पर जोर

भुवनेश पण्ड्या

उदयपुर. बजरी खनन पर रोक के बावजूद इसका अवैध खनन जारी है। यहां तक की सरकारी कामों में भी उपयोग हो रहा है, बजरी खनन पर न्यायालय के आदेशों के ताले लगे हुए हैं, तो सरकार इस आदेश की पालना तो नहीं करवा पा रही बल्कि इस आदेश की आड़ में अपनी तिजोरी भरने में लगी है। सरकार जल्द ही इसकी चाबी यानी इसके विकल्प के रूप में एमसेन्ट नीति लाने की तैयारी कर रही है, हालांकि ये बात दीगर है सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद भी बजरी का अवैध खनन जारी है।

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दौड़ पूरी: नहीं रुका बजरी दोहन, खनन व परिवहन- राज्‍य सरकार द्वारा अवैध बजरी खनन के विरूद्ध प्रभावी कार्रवाई की गई है। बजरी के अवैध खनन व परिवहन की रोकथाम के लिए सभी जिलों के जिला कलक्‍टर्स ने विशेष जांच दल गठित किय, सर्वोच्‍च न्‍यायालय के नदियों में बजरी खनन पर रोक के आदेश पारित होने से लेकर जुलाई 2019 तक अवैध खनन, परिवहन व भण्‍डारण के कुल 23072 प्रकरण बनाये गये व 129.31 करोड वसूले गए। अवैध खननकर्ताओं के विरूद्ध 2126 एफ आईआर दर्ज कराई गई है।- सरकार द्वारा प्रदेश में खनिज बजरी के अवैध खनन की रोकथाम के लिए हर जिले में खान, पुलिस, राजस्‍व, वन एवं परिवहन विभाग के संयुक्‍त दल गठित किये। खनिज बजरी के अवैध खनन की रोकथाम हेतु मुख्‍य सचिव ने गत ७ जून १९ को राज्‍य स्‍तरीय टास्‍क फ ोर्स की बैठ‍क ली थी, तो 26 जून 2019 को सभी जिला कलक्‍टर, पुलिस अधीक्षक एवं अन्‍य संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ वीडियो कान्‍फ्रे न्सिंग में सख्‍त कार्रवाई के निर्देश दिये। बजरी के खनन व भंडारण को रोकने के लिए ७ जुलाई १९ से एक माह के लिए विशेष अभियान चलाया गया।

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अब इसकी तैयारी मेन्‍यूफेक्‍चर्ड सेण्‍ड व क्रेशर डस्‍ट एम सेन्ड का अर्थ मेन्यूफेक्चर्ड सेन्ड होता है। इसके समान ही क्रेशर डस्ट का भी उपयोग निर्माण कार्यों में किया जा सकता है। इसे तैयार की गई या निर्मित रेत कहा जाता है। कंक्रीट निर्माण के लिए ये नदी की रेत का विकल्प है। निर्मित रेत को कठोर ग्रेनाइट पत्थर को पीसकर तैयार किया जाता है।

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एेसे चल रहा है काम

...उच्‍चतम न्‍यायालय के आदेश 16.11.2017 से बिना रिप्‍लेनिशमेन्‍ट स्‍टडी एवं ईसी के नदियों में बजरी खनन पर रोक लगा रखी है। प्रदेश में सरकारी व निजी क्षेत्रों में भवनों, सडकों, पुलियाओं के निर्माण चल रहे हैं। निर्माण कार्यों में उपयोग में आने वाली बजरी पेलियो चेनल्‍स एवं खातेदारी भूमि में स्‍वीकृत खनन पट्टों से आ रही है। सरकारी निर्माण कार्यों हेतु बजरी खनन बाबत् राज्‍य सरकार द्वारा खातेदारी भूमि में एक हेक्‍टेयर क्षेत्रफ ल तक के अल्‍पावधि अनुमति पत्र भी जारी किये जा रहे हैं।- वर्तमान में बजरी के पट्टे इतने: वर्तमान में राज्‍य में खनिज बजरी के 97 खनन पट्टे प्रभावशील है।

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हम पूरा प्रयास करते हैं कि बजरी का अवैध खनन रोका जाए, लेकिन जहां मांग और आपूर्ति की बात होती है, तो यहां बजरी का इस्तेमाल होता ही है, हालांकि सरकारी स्तर पर जल्द ही एमसेंड नीति लाने की तैयारी चल रही है, पूरी जानकारी तो निदेशालय से ही मिल सकती है। जिनेश हुमड़, खनि अभियन्ता उदयपुर