आठ सदस्यीय दल ने अब तक साइकिल से माउंट आबू, रणकपुर, कुंभलगढ़, हल्दीघाटी, चित्तौडग़ढ़, बस्सी व नीमच तक का सफर तय किया। मंगलवार शाम को एकलिंगगढ़ छावनी में उन्होंने ट्रैकिंग पूरी की। एकलिंगगढ़ छावनी में 30 इन्फेंट्री ब्रिगेड के ब्रिगेडियर ने फ्लैग ऑफ कर इनका स्वागत किया। इन्फेंट्री ब्रिगेडियर ने भारतीय सेना तथा यहां के वीरों एवं बहादुर सैनिकों के योगदान पर प्रकाश डाला। ब्रिगेड के कमांडर ने बताया कि अभियान की सफलता के बाद शीघ्र ही दूसरे दौर में अन्य जिलों में भी यह अभियान शुरू किया जाएगा। समारोह में गोरखा राइफल्स के कर्नल गहलोत सहित विभिन्न सैन्य अधिकारी मौजूद रहे।
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माउंट आबू से साइकिल पर निकला गोरखा राइफल्स का यह दल लगभग 650 किलोमीटर का सफर तय कर 120 सैन्य अधिकारियों व कर्मचारियों के परिवार से मिला। उन्होंने स्कूली बच्चों को सेना की ओर से उपहार भी भेंट किए। स्कूलों में बच्चों ने सेना से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर सवाल जवाब किया। सााााथ ही उन्हें सेना में जानेे को प्रेेेरित किया। पथरीले पहाड़ी रास्तों के साथ बस्सी में वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में ट्रेकिंग भी की। नौ दिनों तक गोरखा राइफल्स के साइकलिंग कम ट्रैकिंग अभियान में कैप्टन अर्णव मग्गू की अगुवाई में तपन गुरु , श्याम क्षत्रिय,मानसिंह, टेक बिंक, हरि बहादुर,मनबहादुर व बहादुर शामिल थे।
माउंट आबू से साइकिल पर निकला गोरखा राइफल्स का यह दल लगभग 650 किलोमीटर का सफर तय कर 120 सैन्य अधिकारियों व कर्मचारियों के परिवार से मिला। उन्होंने स्कूली बच्चों को सेना की ओर से उपहार भी भेंट किए। स्कूलों में बच्चों ने सेना से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर सवाल जवाब किया। सााााथ ही उन्हें सेना में जानेे को प्रेेेरित किया। पथरीले पहाड़ी रास्तों के साथ बस्सी में वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में ट्रेकिंग भी की। नौ दिनों तक गोरखा राइफल्स के साइकलिंग कम ट्रैकिंग अभियान में कैप्टन अर्णव मग्गू की अगुवाई में तपन गुरु , श्याम क्षत्रिय,मानसिंह, टेक बिंक, हरि बहादुर,मनबहादुर व बहादुर शामिल थे।