9 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Doctor strike # एमबी हॉस्पिटल में मरीजों ने मुंह मोड़ा, चिकित्सालय में सन्नाटा, प्राचार्य डीपी सिंह के ओपीडी में जुटी भीड़

-चिकित्सक संगठनों और सरकार के बीच खींचतान के चलते सोमवार को 8वें दिन भी कोई समाधान नहीं निकल सका।

2 min read
Google source verification
Doctors strike udaipur

उदयपुर . चिकित्सक संगठनों और सरकार के बीच खींचतान के चलते सोमवार को 8वें दिन भी कोई समाधान नहीं निकल सका।

READ MORE : उदयपुर में बोहरा गणेश मंदिर मार्ग पर जमीनी विवाद, पुलिस पर हमला, सीआई की रिवॉल्वर लूट की कोशिश, पांच गिरफ्तार

इधर, संभाग मुख्यालय स्थित सबसे बड़े महाराणा भूपाल एवं पन्नाधाय महिला राजकीय चिकित्सालय में चिकित्सक शिक्षकों की बेरुखी से मरीजों ने राजकीय चिकित्सा संस्थानों से मुंह मोड़ लिया है। रविवार को दो घंटे के ओपीडी के दौरान एक घंटे हड़ताल पर रहे चिकित्सक शिक्षकों में से अधिकतर ने 45 मिनट ड्यूटी कर पूरे दिन की हाजरी सुनिश्चित की। दूसरी ओर प्राचार्य डॉ. डीपीसिंह ने ओपीडी में मोर्चा संभालते हुए 150 से 200 मरीजों को परामर्श दिया।

हालांकि आउटडोर में अन्य विशेषज्ञ भी सेवाएं दे रहे थे, लेकिन मरीजों की भीड़ उन्हें छोडक़र प्राचार्य से परामर्श के लिए बारी का इंतजार करती रही। निजी चिकित्सालयों में डिलीवरी चार्ज अधिक होने के कारण गरीब तबके ने जनाना चिकित्सालय में शरण ली, लेकिन उनकी पीड़ा दूर करने को चिकित्सकों से अधिक नर्सेज कार्मिक जुटे रहे। इधर, हिरण मगरी व चांदपोल के चिकित्सालयों में रोगियों की संख्या कम थी। वार्ड में भर्ती मरीजों की संख्या नगण्य है।

इमरजेंसी के बाहर सूना

आम दिनों में एमबी हॉस्पिटल की आपात इकाई के बाहर मरीजों और परिजनों के वाहनों की भीड़ रहती है, लेकिन सोमवार को वहां गिनती के वाहन ही खड़े थे जिसमें भी ज्यादातर वाहन स्टाफ के थे। हड़ताल का असर हॉस्पिटल परिसर में केंटिन संचालक, साइकिल स्टैण्ड ठेकदार, दवाघर संचालकों, परिसर के बाहर ठेले लगाकर धंधा करने वालों पर पड़ रहा है।

पुलिस ने कमर कसी

चिकित्सक हड़ताल मामले में छुट्टी के दिन जयपुर हाईकोर्ट ने विशेष निर्देश दिए। सरकार को मामले में पूरी तरह से फैसले लेने की सहमति के बाद पुलिस प्रशासन को अगली कार्रवाई के लिए तैयार रहने के निर्देश भी मिल गए हैं। एेसे में स्थानीय थानों की पुलिस उनके क्षेत्रों में रहने वाले चिकित्सकों के निवास स्थल को चिह्नित करने में सक्रिय रही।