
आधी रात को यशवंत शर्मा की बेटी ने इस तरह जुटाई मदद, आरोपियों के बारे में बताई ये राज की बात
उदयपुर . खून से लथपथ पिता की जान बचाने के लिए बेटी नेहा अंधेरे में सडक़ से गुजर रहे कई वाहन सवारों से हाथ जोडकऱ मदद की मिन्नतें करती रही लेकिन किसी का दिल नहीं पसीजा। बाद में एक कैब को रुकवाया, मदद मांगी तो उसने टाल दिया। हाथ जोडऩे पर परिजनों से बात करने के लिए मोबाइल जरूर दिया।
मदद के लिए पति को जबलपुर किया फोन
नेहा ने कैब चालक के फोन से पहले मां को फोन किया, रिसीव नहीं होने पर जबलपुर पति नीरज को घटनाक्रम बताया, जिसने नेहा के भाई समीर व मौसा ससुर देवेन्द्र शर्मा को सूचना दी। कैब चालक के मोबाइल से 108 एम्बुलेंस को कॉल किया। 108 चालक बार-बार फोन कर लोकेशन पूछता रहा। इस बीच समीर एवं देवेन्द्र शर्मा कार लेकर पहुंच गए। वे यशवंत शर्मा को एमबी चिकित्सालय ले गए, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। अस्पताल में शर्मा को मृत घोषित करने तक एम्बुलेंस घटना स्थल पर नहीं पहुंच पाई।
महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे है, शीघ्र ही वारदात का खुलासा कर दिया जाएगा।
राजेन्द्र प्रसाद गोयल, पुलिस अधीक्षक
जानकार व नौसिखिए लग रहे आरोपी
-नेहा के अनुसार आरोपी संख्या में चार थे, उनकी उम्र 25 से 30 वर्ष थी।
-उदियापोल पर उन्होंने नाथद्वारा-कांकरोली बोला तो वे स्थानीय ही थे।
-आरोपियों ने सूरजपोल चौराहे घूमने की बजाए गलत साइड से ही रोड क्रॉस की।
-वे कार लेकर जिस मत्स्य विभाग के रास्ते उस रास्ते को अनजान कोई नहीं जानता है।
-लड़ाई-झगड़ा बढऩे पर बचाव के लिए चाकू से पैर पर किए वार।
-पेशेवर आरोपी या रंजिशवश वारदात के दौरान कोई पैर पर नहीं करता वार।
Published on:
29 Jun 2018 12:31 pm
बड़ी खबरें
View Allउदयपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
