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इनसे हुई ये बड़ी गलती, अब बिना दस्तखत के चेक लिए भटकने को मजबूर छात्राएं

झाड़ोल. बछार स्थित जनजाति बालिका छात्रावास में अधीक्षक के हस्ताक्षर के बिना ही छात्राओं को चेक बांट दिए गए।

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झाड़ोल. बछार स्थित जनजाति बालिका छात्रावास में अधीक्षक के हस्ताक्षर के बिना ही छात्राओं को चेक बांट दिए गए। छात्राएं चेक लेकर बैंक पहुंची, लेकिन भुगतान नहीं ले पाईं।

गिर्वा तहसील में बछार पंचायत मुख्यालय के इस हॉस्टल में जुलाई में छात्राओं को प्रोत्साहन राशि के तहत कपड़े खरीदने के लिए राशि दी गई थी। यह उनके खातों में जमा होनी थी। तीन छात्राओं के बैंक में खाते नहीं होने पर विभाग ने इनकी राशि अधीक्षक के खाते में जमा करवा दी। महिला अधीक्षक ने 16 दिसम्बर को इन छात्राओं को चेक दिए, लेकिन इन पर हस्ताक्षर नहीं थे। छात्राएं मंगलवार को चेक भुनाने के लिए झाड़ोल बैंक पहुंची, लेकिन स्टाफ ने भुगतान से इनकार कर दिया। हैरान-परेशान छात्राएं घंटों इधर-उधर भटकती रहीं।

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यह परेशानी कक्षा छह की बछु, आठवीं की किरण व नौवीं की जीना को हुई। सवाल पर बछार हॉस्टल की अधीक्षक पुष्पा सोलंकी का कहना था कि समारोह में बिना हस्ताक्षर किए जल्दबाजी में चेक वितरित हो गए हो गए होंगे। जल्दी ही हस्ताक्षर कर चेक दे दिए जाएंगे।

इधर, झाड़ोल में पांच छात्राओं को भुगतान नहीं

झाड़ोल के जनजाति बालिका छात्रावास में भी 5 छात्राओं को भुगतान नहीं हो पाया है। दसवीं की जैना, 11वीं की सुरता पारगी, 12वीं की रोशनी, प्रियंका वडेरा व नौवीं की सन्तोषी के खाते नहीं होने से ये हालात बने। हालांकि विभाग ने अधीक्षक के खाते में इनकी राशि हस्तान्तरित कर दी थी। छात्रावास अधीक्षक तेजी ननामा का कहना है कि आईएफसीआई कोड बदलने के कारण चेकबुक नहीं आई है। आते ही चेक दे दिए जाएंगे।


पता करवाता हूं
ऐसा है तो गलत है। बिना हस्ताक्षर चेक की क्या मान्यता है। मैं अभी पता करता हूं कि क्या मामला है।
कृष्णपाल सिंह चौहान, पीओटी, जनजाति विकास विभाग, उदयपुर