
दक्षिण भारत के ‘ज्वार-बाजरा-मक्का’ को रास आई मरुधरा
भुवनेश पण्ड्या
उदयपुर. हजारों किलोमीटर की दूरी, जलवायु में जमीन-आसमान का फर्क, लेकिन राजस्थान की तपती मरूधरा में तेलांगाना और आन्ध्रपेदश के बीज खूब पनप रहे हैं। दक्षिण भारतीय राज्यों के ज्वार-बाजरा और मक्का के बीजों को मरुभूमि रास आ गई है। यानी प्रदेश के खेतों में लहलहाते ज्वार-बाजरा और मक्का मूलत: हजारों किलोमीटर दूर दक्षिण भारत के हैं।
राज्य में उत्पादित बीजों की कमी होने पर राज्य बीज निगम की ओर से ई-निविदा निकाली गई। इससे प्रदेश से बाहर तेलंगाना और आन्ध्रप्रदेश के निजी बीज उत्पादक संस्थाओं की भागीदारी हुई है। संस्थानों की ओर से बीज उत्पादक कार्यक्रम को स्वयं के नाम रजिस्टर्ड करवा जरुरत के मुताबिक ज्वार, बाजरा व मक्का के बीजों का उत्पादन करवाया रहे हैं। उत्पादित बीजों की आपूर्ति किसानों को होती है। इसके अलावा कृषि विभाग से बीज विशेष की तात्कालिक मांग प्राप्त होने पर ई-निविदा के माध्यम से सीधी खरीद करके किसानों को दिया जाता है।
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किसानों को ये बीज उपलब्ध कराते
राज्य बीज निगम की ओर से खरीफ में मुख्यत: कपास, मूंगफली, सोयाबीन, तिल, मूंग, उड़द, चवला, अरहर, मोठ, ग्वार, ज्वार, बाजरा, धान व अन्य रबी में खास तौर पर गेहूं, चना, जौ, सरसों, तारामीरा, मक्का आदि फसलों के बीजों का उत्पादन किया जाता है। राज्य बीज निगम की ओर से राज्य में उत्पादित खरीफ फसल के बीजों की आपूर्ति से पूर्व व राज्य के बाहर उत्पादित खरीफ फसल के बीजों की आपूर्ति के बाद जेनेटिक गुणवत्ता की जांच की जाती है। यह कार्य राजस्थान राज्य की बीज एवं जैविक प्रमाणीकरण संस्था, कृषि वैज्ञानिकों से कराई है। सीधी खरीद के माध्यम से क्रय बीज की आपूर्ति से पूर्व समय की कमी के कारण जेनेटिक गुणवता जांच नहीं हो पाती है।
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राजस्थान राज्य बीज निगम की ओर से वर्ष 2018-19 में राज्य के बाहर अनुबंध आधारित फसलवार प्रमाणित बीज उत्पादन
- लक्ष्मी वेंकटेश्वरा सीड्स, करनूल आन्ध्रप्रदेश से 1016.88 क्विंटल बाजरा, 470.95 क्विंटल मक्का।
- मुरलीधर सीड्स करनूल आन्ध्रप्रदेश से 665.74 क्विंटल बाजरा, 685 क्विंटल मक्का।
- सम्पूर्णा सीड्स अडोनी आन्ध्रप्रदेश से 845.34 बाजरा, 864 क्विंटल मक्का।
- श्री सांई सद्गुरु सीड्स हैदराबाद तेलंगाना से 445.02 क्विंटल बाजरा व 599.90 क्विंटल मक्का।
- चका सीड्स करनूल आन्ध्रप्रदेश से 300 क्विंटल मक्का।
- क्लासिक हाइब्रिड्स सीडस अहमदाबाद गुजरात से 4500 क्विंटल ज्वार उत्पादित कर मंगवाया गया।
- मार्स एग्रो बायोटेक नूजिवीडू से बीटी कॉटन की एनसीएचबी 9903 किस्म के दस हजार पैकेट (450 ग्राम प्रति पैकेट) और मक्का के एनएमएच-803, के 7371.55 पैकेट मंगवाए गए।
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कुल बीज बाहर से मंगवाए
ज्वार - 4500 क्विंटल
बाजरा - 2972 क्विंटल
मक्का - 2920 क्विंटल
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उदयपुर में 2017 में
मक्का की मांग थी, 9020 क्विंटल, जबकि उत्पादन 0 रहा, ऐसे में उसकी आपूर्ति 6018.35 क्विंटल की गई। सोयाबीन की मांग 1550 क्विंटल थी। इस पर 64.40 क्विंटल उत्पादन हुआ, जिसमें 1580.80 की आपूर्ति की गई। इसी प्रकार उड़द की भी 255.0 मांग थी, जबकि उत्पादन केवल 5 क्विंटल हो पाया, ऐसे में 252.40 क्विंटल की आपूर्ति बाहर से की गई। अरहर की मांग भी 100 क्विंटल थी, लेकिन उत्पादन 0 रहा, आपूर्ति बाहर से की गई। इसी प्रकार ढैंचा की मांग 4.18 क्विंटल थी, उत्पादन 0 रहा, बाहर से आपूर्ति की गई। भिण्डी के बीजों की भी 1.47 क्विंटल मांग पर बाहर से आपूर्ति की गई। 7971.60 क्विंटल मांग पर केवल 69.40 उत्पादन हो पाया, जबकि 7918.17 क्विंटल बाहर से आपूर्ति की गई।
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वर्ष 2018-19 के आंकड़े (क्विंटल में)
फसल: मांग, उत्पादन, आपूर्ति
सरसो: 43.13, 00, 43.13
जौ: 1350, 00, 1344
गेहूं: 5500, 582.80, 5442.80
चना 1380, 153.0, 1375.50
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राजस्थान राज्य बीज निगम व प्राइवेट सेक्टर से बीज किसानों को उपलब्ध करवाए जाते हैं। मांग, उत्पादन व आपूर्ति के अनुरूप कार्य किया जाता है।
महेश वर्मा, संयुक्त निदेशक, कृषि
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कृषि विभाग में डेमो व सब्सिडी के लिए और मिनिकिट के रूप में बीज निगम भेजता बीज उपलब्ध करवाता है। जरूरत पर मांग के आधार पर कृषि विभाग किसानों को बीज देता है। कोई किसान यदि निगम से सीधे बीज लेना चाह
Published on:
27 Sept 2019 11:05 am
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