21 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

video: हमे तो एक बार खुलकर बोल दो बस…

फोटो...मौका मिल जाए तो रौंद दे पूरी दुनिया - - अन्तरराष्ट्रीय िालाड़ी बोले

2 min read
Google source verification
फोटो...मौका मिल जाए तो रौंद दे पूरी दुनिया - - अन्तरराष्ट्रीय िालाड़ी बोले

फोटो...मौका मिल जाए तो रौंद दे पूरी दुनिया - - अन्तरराष्ट्रीय िालाड़ी बोले

भुवनेश पंड्या

उदयपुर. यहां विद्यापीठ विश्वविद्यालय में अन्तरविश्वविद्यालय बॉक्सिंग प्रतियोगिता में शामिल हुए अन्तरराष्ट्रीय बॉक्सर बोले यदि हमारे देश के बॉक्सर्स को सही मौका मिल जाए तो हम पूरी दुनिया को चुटकी में निपटा सकते हैं। पत्रिका से विशेष बातचीत में उन्होंने बताया कि अ ाी तकनीक में हम कुछ पीछे जरूर हैं, लेकिन हमारी हि मत सबसे ज्यादा है, इसलिए कि हमारे नए-नए बॉक्सर्स अन्य देशों के अनु ावी से अनु ावी बॉक्सर्स से ाीडऩे में जरा ाी नहीं ङ्क्षहचकिचाते।

----

रियाल पुरी- पंजाब के पटियाला निवासी रियाल पुरी यूथ एशियन चै िपयनशिप में रजत पदक प्राप्त कर चुके हैं, साथ ही २०१७ के विश्व कप में ाी इन्होंने कई सुरमाओं को धूल चटाई थी। पत्रिका से बातचीत में बताया कि उनकी नजरें सीधे-सीधे २०२० के विश्व कप पर हैं। फिलहाल इंडिया कैंप से जुडे़ हुए रियाल का कहते हैं कि वे छह वर्ष से बॉक्सिंग कर रहे हैं। अब पूरी तरह रिग में रम चुके हैं। वे ऑस्टे्रलिया, क्यूबा और कजाकिस्तान से बॉक्सिंग का प्रशिक्षण ाी ले रहे हैं। विदेशों से प्रशिक्षण पर बोले कि देश में तकनीकी नजरिए से कुछ कमियां जरूर है, इसे दूर करना ाी चाह रहे हैं। तकनीकी बॉक्सिंग का विदेशों में एडवांस प्रशिक्षण दिया जा रहा है। हम आत्मविश्वास से ारे हैं। पटियाला में चल रहे इंडिया कै प में शानदार प्रशिक्षण चल रहा है, बस जरूरत है तो उस प्रशिक्षण को पूरी तरह समझने की।

-----

पवन नरवाल- सोनीपत के रिन्दाणा निवासी पवन ने बताया कि अपने देश की माटी सोना उगलती है, जरूरत है इसे पहचानकर आगे बढ़ाने की। चार बार एशिनय गे स में स्वर्ण, सर्बिया में हुए वीनर कप में रजत पदक जीता, रूस में विश्व कप में हिस्सा ले पाएं। बॉक्सिंग की बेहतरी के लिए नींव से नए िालाड़ी निकालने चाहिए। केवल नौ या दस वर्ष का बच्चा बॉक्सिंग के लिए तैयार किया जाए तो ाविष्य में वह बड़ा नाम बनकर उ ार सकता है। ाास बात ये कि हमें तकनीकी नजरिए से मजबूत होना होगा, विश्व के बडे़ िालाडि़यों की मेहनत का असर आने वाली पीढि़यों पर पड़ता है।

-----

सिर पर पहनने की टॉपी हुई सिर से दूर राष्ट्रीय बॉक्सिंग प्रशिक्षक सुरेश मेहतान शिमला के हैं, पत्रिका से बातचीत में उन्होंने बताया कि हेड गेयर (सिर पर पहनने की टॉपी) को अब राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं से हटा दिया है, लोग अब प्रोफेशनल ोल दे ाते हैं। प्रोफेसनल में हेड गेयर हटाने के साथ ही यहां बॉक्सिंग में ाी ये निर्णय लिया हैं, सुरक्षा के नजरिए से इसे पहना जाता था, लेकिन अब पुरूष वर्ग में हेड गयर को हटा दिया गया है, जबकि महिलाओं की बॉक्सिंग में इसे र ाा है। ाास बात ये कि एक अच्छे िालाड़ी को तैयार करने में ला ाों रुपए ार्च होते हैं। ाारत में साई की तरफ से बेहतर िालाड़ी को अब प्रशिक्षण के लिए विदेश ाी ोजा जाने लगा है।