
26 जुलाई 1999 को भारतीय सैनिकों ने अपने शौर्य का लोहा मनवाते हुए पाकिस्तानी सैनिकों को धूल चटाई थी और इसमें कई सैनिकों ने देश के लिए अपनी जान न्योछावर कर दी थी। वो दिन हमेशा भारतीय सैनिकों की जांबाजी और बलिदान को याद दिलाता रहेगा। इसी दिन और बलिदान की याद में करगिल विजय दिवस की रजत जयंती महोत्सव के तहत भारतीय सशस्त्र सेनाओं की महिला ऑफिसर्स ने दुर्गम इलाकों में बाइक दौड़ा कर सेना व शहीदों के प्रति सम्मान व्यक्त किया। गर्व की बात यह है कि इस ऑल वीमन मोटरसाइकिल रैली में सेना की कुल 25 महिला अफसर हैं, इनमें उदयपुर की महिला अफसर प्रियम्बरा राव ने शामिल होकर मान बढ़ाया। प्रियम्बरा राव मूलत: उदयपुर से हैं और एयरफोर्स में स्क्वॉड्रन लीडर हैं।
स्क्वॉड्रन लीडर प्रियम्बरा ने बताया कि रैली 4 जुलाई को लेह से परतापुर के लिए रवाना हुई और लद्दाख के बीहड़ इलाकों में 2,000 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करते हुए 12 दिनों की यात्रा पूरी की। इस यात्रा का उद्देश्य करगिल युद्ध के दौरान भारतीय सेना की वीरता और बलिदान का सम्मान करना था। साथ ही महिलाओं व युवतियों को प्रेरित करना। इस बाइक रैली में महिला ऑफिसर्स की टीम ने खारदुंग ला और उमलिंग ला दर्रे सहित दुनिया की कुछ सबसे चुनौतीपूर्ण सड़कों पर यात्रा की। रैली में 23 भारतीय सेना की और 2 एयर फोर्स की महिला अफसर शामिल थी।
प्रियम्बरा ने बताया कि वे अभी नागपुर में पदस्थापित हैं। 2015 में उन्होंने एयरफोर्स जॉइन की। वे शुरू से ही भारतीय सेना में ही जाने का सपना देखा करती थीं और इसके लिए उनके पिता कर्नल गुमानसिंह राव जो खुद सेना में रहे उनका मार्गदर्शन मिला। मां सुमन राव ने भी उनकाे हमेशा प्रेरित किया। उनका मानना है कि बेटियों को अगर आगे बढ़ने के अवसर अधिक से अधिक मिलें तो वे आसमान छूकर दिखाती हैं। भारतीय सशस्त्र सेनाओं में भी बेटियों के लिए काफी अवसर हैं तो ऐसे में उन्हें भारतीय सेना में आकर देश के लिए सेवाएं देनी चाहिए।
Updated on:
21 Jul 2024 10:31 pm
Published on:
21 Jul 2024 10:28 pm
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