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मेवाड़ बलिदान का पर्याय: बेजुबान चेतक का त्याग देश दुनिया में जीवंत प्रमाण: लक्ष्यराज सिंह मेवाड़

- मेवाड़ पहुंचे बतौर मुख्य अतिथि भारतीय सेना के एकलिंगगढ़ छावनी के आयोजन में - - छावनी का स्वर्णिम विजय वर्ष समारोह

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मेवाड़ बलिदान का पर्याय: बेजुबान चेतक का त्याग देश दुनिया में जीवंत प्रमाण: लक्ष्यराज सिंह मेवाड़

मेवाड़ बलिदान का पर्याय: बेजुबान चेतक का त्याग देश दुनिया में जीवंत प्रमाण: लक्ष्यराज सिंह मेवाड़

उदयपुर. भारतीय सेना का शुक्रवार को मेवाड़ ट्रेल एक्सपेडीशन के तहत वीरों के त्याग और बलिदान की धरती विषय पर व्याख्यान एकलिंगगढ़ छावनी में हुआ। मुख्य अतिथि मेवाड़ राजपरिवार के सदस्य लक्ष्यराज सिंह ने कहा कि, मेवाड़ का पर्यायवाची ही बलिदान है। मेवाड़ वह वीर भूमि है जहां महाराणाओं और वीर योद्धाओं के त्याग बलिदान तो जगजाहिर हैं, वहीं मेवाड़ के बेजुबान स्वामी भक्त चेतक महाराणा प्रताप के अश्वद्ध का बलिदान भारत के इतिहास के स्वर्णिम पन्नों में दर्ज है। बेजुबान चेतक का बलिदान इस वीर भूमि मेवाड़ के त्याग और बलिदान का ऐसा जीवंत प्रमाण है, जो दुनिया में कहीं और मिल ही नहीं सकता। यही कारण है कि वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप और उनके अश्व चेतक का नाम देश.दुनिया के अमूमन इतिहासविदों की जुबान पर बना ही रहता है। एकलिंगगढ़ सैन्य स्टेशन उदयपुर के स्वर्णिम विजय वर्ष समारोह के अन्तर्गत मेवाड़ ट्रेल को अति विशिष्ट सेवा मेडल, सेना मेडल जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ दक्षिणी कमान लेफ्टिनेंट जनरल जेएस नैन ने लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ के साथ झंडी दिखाकर रवाना किया। आयोजन में डेजर्ट कोर द्वारा 550 किलोमीटर मेवाड़ ट्रेल फु ट अभियान का आगाज किया गया। इस अवसर पर लक्ष्यराजसिंह ने कहा कि इस वीर भूमि के कण-कण में भारत के लिए बलिदान देने का दृढ़ विश्वास मौजूद था, है और रहेगा। लक्ष्यराज सिंह ने पं. नरेन्द्र मिश्र की पंक्तियां सत को सम्मानित करने की यह गाथा कभी मंद नहीं होगी, ये एकलिंग की ज्वाला है, मु_ी में बंद नहीं होगी कही। कार्यक्रम में संभागीय आयुक्त राजेन्द्र भट्‌ट, लेफ्टिनेंट जनरल जेएस नैन, लेफ्टिनेंट जनरल पीएस मिन्हास, मेजर जनरल एएस गहलोत मौजूद थे। उन्होंने कहा कि सेना जल.थल.नभ में अपनी जान की परवाह किए बिना सरहदों पर सीना तानकर तैनात है इसलिए भारतवासी महफूज हैं। भारतीय सेना खून जमा देने वाली ठंड, झुलसा देने वाली गर्मी के अलावा अपनी जान की परवाह किए बिना प्रतिदिन सरहदों पर सीना तानकर तैनात रहती हैं। भारतीय सेना ने संयुक्त राष्ट्र के कई शांति बहाली उपायों में अहम भागीदारी निभाई है और कई में निभा रहे हैं। हमारे बलिदान की जीवंत विरासत को भारतीय सेना शान से संभालती आ रही है। मेवाड़ भारतीय सेना के साथ हमेशा कंधे से.कंधा मिलाकर चलता रहेगा और हरेक मेवाड़ वासी भारतीय सेना के सम्मान के लिए प्रतिबद्ध रहेगा।

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मेवाड़ ट्रेल पैदल आधारित अभियान है, जिसे ग्रेनेडियर्स रेजिमेंट की 9वीं बटालियन द्वारा चलाया जा रहा है। फ्लैग ऑफ सेरेमनी में लेफ्टिनेंट जनरल पी एस मिन्हास, जनरल आफिसर कमांडिंग, कोणार्क कोर मेजर जनरल एसएस गहलोत सहित सैनिकों ने हिस्सा लिया। 2 महिला अधिकारियों सहित कुल 70 सैनिक भाग ले रहे हैं। इसमें सैनिक पूरे युद्ध साजो-सामान के साथ आगे बढ़ेंगे। 1971 के भारत-पाक युद्ध के दिग्गजों और वीर नारियों को सम्मानित किया जाएगा।