
pm modi
मुकेश हिंगड़ / उदयपुर . पूर्व राष्ट्रपति एपीजे स्व. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर प्रतिभाओं को छात्रवृति देने की एक योजना को लेकर प्रतिभाएं चक्कर लगा रही है और उनके सवाल का जवाब देकर अफसर और जनप्रतिनिधि भी थक गए है। यह सब हुआ सोशल मीडिया पर चले एक फेक संदेश से। नगर निगम से लेकर शिक्षा विभाग में उस संदेश को लेकर प्रतिभाएं और उनके अभिभावक पूछाताछी कर रहे है लेकिन जवाब तो नाम मिल रहा है लेकिन सब उस संदेश को बता रहे है जबकि हकीकत में उसको लेकर कोई संबंधित विभागों के पास नहीं आया है।
सोशल मीडिया के इस संदेश से नगर निगम के पार्षद, अफसर और बाबू परेशान हुए है और संदेश की की लपटे शिक्षा विभाग से लेकर सामाजिक अधिकारिता विभाग तक पहुंची है लेकिन सबके सब उस संदेश से अनजान है, सरकार के आदेश के ई-मेल और परिपत्र टटोले लेकिन एेसा कोई आदेश ही नहीं है। कई प्रतिभाएं और उनके अभिभावक पार्षदों के घर से लेकर नगर निगम तक पहुंचे लेकिन चक्कर के अलावा कुछ नहीं मिला क्योंकि एेसा कुछ है भी नहीं। नगर निगम से यह भी बताया गया कि यह आदेश शिक्षा या सामाजिक अधिकारिता विभाग के पास आए हो तो पता कर ले तो अभिभावक व बच्चों ने वहां भी पड़ताल की थी लेकिन मिला कुछ नहीं।
-- सोशल मीडिया पर ये चला संदेश
पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया पर एक संदेश वायरल हुआ है जिसमें लिखा गया कि कक्षा दसवीं और बारहवीं के बच्चों के सभी माता-पिता को सूचित किया जाता है कि ए.पी.जे. अब्दुल कलाम और अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से छात्रवृति योजना है जिसमें 75 प्रतिशत से अधिक स्कोर करने वाले विद्यार्थियों को 10,000 रुपए और बारहवीं कक्षा में 85 प्रतिशत से अधिक स्कोर करने वालों को 25,000 रुपए की छात्रवृति दी जाएगी। इसके लिए आवेदन नगर निगम में उपलब्ध है। इस संदेश के साथ ही एक लिंक भी दिया गया जिसे क्लिक करने पर पूर्व सैनिक कल्याण विभाग की वेबसाइट खुल रही है और उसमें पीएम की दूसरी छात्रवृति योजना का विवरण है।
-- सच यह है कि एेसा कोई परिपत्र नहीं
नगर निगम के आयुक्त सिद्धार्थ सिहाग कहते है कि हमारे यहां तो एेसी कोई योजना नहीं आई है, हो सकता है कि सामाजिक अधिकारिता विभाग या शिक्षा विभाग में हो। जिला शिक्षाधिकारी (माध्यमिक प्रथम) नरेश डांगी कहते है कि मैने भी सोशल मीडिया पर यह संदेश पढ़ा है लेकिन हमारे पास सरकार का एेसा कोई आदेश नहीं है। इधर, सामाजिक कल्याण अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक गिरीश भटनागर भी एेसी योजना से मना किया। पार्षद राशिद खान कहते है कि उनके पास कई अभिभावक व बच्चे चक्कर लगा रहे है, इसके अलावा नगर निगम में भी कई लोग चक्कर लगा रहे है, वे कहते है कि उन्होंने महापौर चन्द्रसिंह कोठारी को भी बताया था।
Updated on:
02 Jun 2018 09:45 am
Published on:
02 Jun 2018 09:42 am
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