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शतरंज की चौसर पर हम प्रदेश के `किंग’

- उदयपुर में शतरंज के दस हजार छोटे-बडे खिलाड़ी - बारह से अधिक एकेडमी- उदयपुर में 50 वर्ष से खेला जा रहा है शतरंज

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Chess in School Watch Video- नो बैग डे पर 60 हजार स्कूलों के बच्चे खेलेंगे शतरंज

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शतरंज की चौसर में हम प्रदेश के किंग है। उदयपुर में शतरंज के छोटे बडे मिलाकर करीब 10 हजार खिलाड़ी हैं, तो एक दर्जन से अधिक एकेडमी उदयपुर में शतरंज के शातिर तैयार कर रही है। ये ऐसे सूरमा बड़ी-बड़ी प्रतियोगिताओं में अब खुद को साबित कर रहे हैं, जिसमें हर शह-मात में हमारी तूती बोलने लगी है। खास बात ये है कि फिलहाल हमारे पास एशियन गेम्स की मौजूदा रजत पदक विजेता है, तो स्कूल नेशनल चैम्पियनशिप की मौजूदा सिल्वर मेडलिस्ट भी उदयपुर की है। इतना ही नहीं नेशनल जूनियर चैम्पियनशिप अंडर 19 केटेगरी का हीरो यानी स्वर्णपदक विजेता अपने शहर से है, तो उसी प्रतियोगिता में कांस्य पदक हासिल करने वाला शातिर भी उदयपुर ने ही देश को दिया है।

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70 के दशक से शुरुआत: शतरंज उदयपुर में गत पांच दशक से खेला जा रहा है। 70 के दशक से ही हमारे पास एक से एक बेहतरीन खिलाड़ी थे, तो अब दुनियाभर में होने वाली प्रतियोगिताओं से लेकर खुद को कई अन्तरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अपना लोहा मनवाया है। वर्तमान में हम प्रतिवर्ष 100 खिलाड़ी नए तैयार कर रहे हैं।

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ये है हमारे मौजूदा उस्ताद

- अद्विका सरुपरिया- सिल्वर मेडलिस्ट इन एशियन गेम्स- श्रीलंका- वृषांक चौहान- नेशनल जूनियर चैम्पियनशिप अंडर 19 में स्वर्ण पदक विजेता

- अरुण कटारिया- नेशनल जूनियर चैम्पियनशिप में कांस्य पदक- कियाना परिहार- स्कूल नेशनल चैम्पियनशिप में सिल्वर मेडलिस्ट

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ये भी जानिए:

- शतरंज में इतने आयु वर्ग में होती है प्रतियोगिता- अंडर 9, 11, 13, 15, 19, 25- इतने फोरमेट में होता है खेल- रेपिड फोरमेट- 25 मिनट, ब्लिड्ज- 3 और 5 मिनट, क्लासीकल- साढे तीन से चार घंटा, टीम चैम्पियनशिप- पांच खिलाडी एक टीम में होते हैं। एक रिजर्व रहता है।

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ये संघ है शतरंज से जुडे़

- जिला शतरंज संघ- चैस इन लेकसिटी

- किंगडम ऑफ चैस- रोशन चैस एकेडमी

- ब्रिलियंट माइंड चैस एकेडमी- वर्तमान में करीब 30 बेहतरीन प्रशिक्षक शतरंज के खिलाड़ी उदयपुर में तैयार कर रहे हैं। इसमें महिलाओं का प्रतिनिधित्व भी है।

- शहर सहित जिले भर में एक दर्जन से अधिक चैस एकेडमी संचालित है।

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जिला शतरंज संघ के कोषाध्यक्ष रोहित लोढा ने बताया कि रविन्द्रपालसिंह, जो पहली बार अन्तरराष्ट्रीय शतरंज प्रतियोगिता खेलने उदयपुर से माल्टा गए थे, राजेन्द्र सिंघवी, हरीश शर्मा, सीपी भट्ट, प्रवीण कोठारी, सोनल गर्ग, हमीदा कागजी सहित कई बेहतरीन खिलाड़ी उदयपुर को दिए हैं। जिला शतरंज संघ के सचिव इन्द्रकुमार प्रजापत ने बताया कि संघ अपने स्तर पर कई प्रतियोगिताओं का आयोजन करता रहता है, तो अन्य एकेडमी भी बेहतरीन खिलाड़ी तैयार कर रही हैं।