निरीक्षण के दौरान महिला पुरुष वार्ड में रोगी और तिमारदार नहीं मिले। वहीं लाइटें, कूलर पंखे रीते चलते मिले। प्रतिनिधिमंडल ने वहां मौजूद चिकित्साकर्मियों से हॉस्पिटल में सुविधाओं को लेकर चर्चा की। इस दौरान वल्लभनगर समाजसेवी द्वारकाधीश अग्रवाल, वार्ड पार्षद लीलाबाई, पूर्व वार्ड पंच केसरबाई, शांतिलाल सेन, शौकीन खटवड, पंकज अग्रवाल, सीता देवी, केसर देवी, मुनेश पोखरना, अजय बापना, दिनेश वसिटा, तरुण लक्ष्कार, शरीफ मोहम्मद्, शिवलाल सेन, माधव मेनारिया आदि मौजूद रहे। संचालन किंग सेना रणनीतिकार घनेंद्र सरोहा ने किया।
उपखंड अधिकारी से जताया आक्रोश हॉस्पिटल के निरीक्षण के बाद प्रतिनिधिमंडल सीधे तहसील कार्यालय पहुंचा और उपखंड अधिकारी हुकम कंवर से वार्ता कर ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया कि हॉस्पिटल में स्वीकृत कुल 35 में से अधिकतर पद रिक्त हैं। ओर्थोपेडिक, स्त्री रोग विशेषज्ञ, नाक-कान-गला सहित विशेषज्ञ चिकित्सकों के सभी पद रिक्त हैं। जिससे मरीजों को भटकना पड़ रहा है। बताया कि हॉस्पिटल में डिलेवरी का कार्य भी नर्सिंग स्टाफ कर रहा है। करवाता है।
नाम मात्र की हैं सुविधाएं ग्रामीणों ने बताया कि सरकार ने उपखंड मुख्यालय होने के कारण यहां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को सैटेलाइट हॉस्पिटल में तो बदल दिया, लेकिन सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई। हालांकि हॉस्पिटल में निर्माण कार्य जारी है, लेकिन पद रिक्त होने से सुविधाएं ना के बराबर ही है। यही नहीं हॉस्पिटल में डिजिटल एक्सरे मशीन, सोनोग्राफी मशीन आदि सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं, जो एक सैटेलाइट हॉस्पिटल में आवश्यक है। ज्ञापन के तहत एक माह में सभी सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराने पर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करने की चेतावनी दी गई।
इनका कहना है यहां केवल नाम मात्र का सैटेलाइट हॉस्पिटल है, जहां कोई चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। डिजिटल एक्सरे मशीन, सोनोग्राफी मशीन तक नहीं है। -पंकज अग्रवाल, समाजसेवी वल्लभनगर हॉस्पिटल में लंबे समय से अनियमितताएं हैं। महिलाओं को इलाज के लिए भटकना पड़ता है। स्त्री रोग विशेषज्ञ तक का पद रिक्त है।
– केसर देवी, अध्यक्ष, विप्र फाउंडेशन महिला प्रकोष्ठ