
उदयपुर . शहर की जगप्रसिद्ध झीलों, आयड़ नदी में अतिक्रमण व कूड़ा-करकट डालने वाले अतिक्रमी, होटल उद्यमी व बंगले वाले सावधान! राज्य सरकार ने पुलिस को अतिक्रमण हटाने के साथ ही झीलों को गंदा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए भी पुलिस एक्ट की धारा 60 में अधिकार दे रखे हैं। जलस्रोतों को दूषित करने वालों को पुलिस इस धारा के तहत सीधे गिरफ्तार कर सकती है। जिस दिन पुलिस ने इसका उपयोग कर कार्रवाई की ठान ली, उस दिन झीलों में मैला डालने वाले बच नहीं पाएंगें।
शहर की पिछोला, फतहसागर व स्वरूपसागर झीलों में जगह-जगह होटल व घरों के गंदे नाले सीधे झील में गिर रहे हैं। आयड़ नदी सफाई अभियान में जगह-जगह अतिक्रमण के साथ ही गंदे नाले छोडऩे व गंदगी डालने वालों का भी खुलासा हो गया। जगह-जगह लोगों ने गंदे नाले व सीवरेज को सीधा नदी में छोड़ रखा है। कई जगह निवासरत मकान से भी ज्यादा नदी पेटे में अतिक्रमण सामने आया है। शहरवासी अब खुद प्रशासन व पुलिस से झीलों को गंदा करने वाले लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग उठा रहे हैं।
पुलिस एक्ट धारा 60 में है बहुत कुछ
- आम रास्ते में बाधा, असुविधा, जोखिम या संकट पहुंचाने वाले के खिलाफ कार्रवाई।
- किसी पशु या वाहन को लदाई व उतराई के लिए या यात्रियों को बिठाने या उतारने में ज्यादा समय तक खड़ा रखने के - - खिलाफ कार्रवाई। (आम रास्ते पर सवारी बैठाने वाले वाहन)
- सडक़ पर कोई गंदगी, मलबा या भवन निर्माण सामग्री डालने वालों के खिलाफ कार्रवाई।
- जलाशय पर स्नान करने या कपड़े धोने वालों के खिलाफ कार्रवाई।
- तालाब, जलाशयों को कोई गंदा करता है तो उनके विरुद्ध पुलिस कार्रवाई कर सकती है।
क्यंू पड़ी जरूरत
- झीलों को सर्वाधिक गंदा किया जा रहा
- झीलें शहर की लाइफ लाइन हैं
- झीलों का हम पानी पीते हैं
सजा का भी प्रावधान
पुलिस एक्ट की धारा 60 के अंतर्गत पुलिस आरोपी को बिना वारंट गिरफ्तार कर सकती है। दोषसिद्ध होने पर मजिस्ट्रेट पचास रुपए या उससे अधिक जुर्माना तथा आठ दिन के सश्रम कारावास से दंडित कर सकते हैं।
Published on:
18 Oct 2017 05:48 pm
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