शनिवार देर शाम को मावठ की शुरुआत हुई, जो रुक-रुककर रात तक चलती रही। रविवार तड़के 3.30 बजे पुन: बरसात शुरू हुई और ओलावृष्टि होने लगी। बैर के आकार के ओले गिरे। करीब आधे घंटे तक ओलावृष्टि के साथ तेज बरसात से नजारा ही बदल गया। उदयपुर-चित्तौडग़ढ़ हाइवे पर डबोक-भटेवर के आसपास हाइवे के दोनों ओर ओलों की सफेद चादर बिछी नजर आई।
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किसान बोले-100 साल में ऐसी तबाही नहीं देखी
उदयपुर जिले के ग्रामीण अंचल में रविवार तड़के करीब साढ़े 4 बजे आधे घण्टे तक जमकर ओलावृष्टि हुई। कई इलाकों में करीब 100 ग्राम तक के ओले गिरे। भारी ओलावृष्टि से फसल, सब्जी, फल आदि पूरी तरह बर्बाद हो गए हैं। वहीं उदयपुर-चित्तौड़गढ़ हाइवे पर बर्फ की चादर बिछ गई। सड़क किनारे 1 फिट तक बर्फ जमा हो गया। जब गाड़ियां फिसलने लगी तो एलएनटी मशीन का उपयोग कर बर्फ हटाई गई। किसानों ने बताया कि पिछले 100 साल में ऐसी ओलावृष्टि पहली बार देखी है। ओलावृष्टि से खड़ी फसल खेत में बिछ गई वहीं पेड़ों के पत्ते तक झड़ गए। किसानों ने तत्काल सरकार से मुआवजे की गुहार लगाई है।
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दिन का पारा 4 डिग्री गिरा
मौसम विभाग के अनुसार रविवार को अधिकतम तापमान 20.6 डिग्री और न्यूनतम 13.1 डिग्री दर्ज किया गया। इससे एक दिन पहले अधिकतम तापमान 24.4 डिग्री और न्यूनतम 6.1 डिग्री था। लिहाजा दिन के पारे में 4 डिग्री की गिरावट आई।
कहां कितनी बरसात
गोगुन्दा में 17.5 मिमी, वल्लभनगर में 17 मिमी, उदयपुर शहर में 16.6 मिमी, बागोलिया 9.5 मिमी, उदयसागर में 8 मिमी, बावलवाड़ा में 7 मिमी, धरियावद में 5 मिमी, सेमारी में 3.5 मिमी, नागलिया में 3 मिमी बरसात हुई।