
sajjangargh lion safari
जूनागढ़ के सक्करबाग जूलॉजिकल पार्क से उदयपुर लाए गए एशियाटिक लॉयन Òसम्राटÓ और ÒसुनयनाÓ की नई सल्तनत उदयपुर के सज्जनगढ़ अभयारण्य में जल्द आबाद होगी। राजधानी जयपुर के बाद उदयपुर में प्रदेश की दूसरी लॉयन सफारी की शुरुआत जल्द होने जा रही है। जो लेकसिटी में पर्यटकों के लिए नया रोमांच होगा।सज्जनगढ अभयारण्य के 20 हैक्टेयर जंगल में लॉयन सफारी का कार्य पूरा हो चुका है। जंतुआलय विकास ट्रस्ट की ओर से 345 लाख की लागत से इसका निर्माण कराया गया है। जहां जल्द सफारी की शुरुआत की जाएगी। केंद्रीय चिडि़याघर प्राधिकरण की मंजूरी के बाद गुजरात के जूनागढ़ से यहां लाए गए एशियाटिक लॉयन के जोड़े Òसम्राटÓ और ÒसुनयनाÓ को इसमें छोड़ा जाएगा। भविष्य में कुनबा बढ़ने के साथ ही लॉयन सफारी में इनकी संख्या बढ़ती जाएगी। इसे देखते हुए सफारी के होल्डिंग एरिया में 10 कैज बनाए गए हैं। वहीं पर्यटक वाहनों के आवागमन के लिए करीब पांच किलोमीटर का पाथ वे तैयार किया गया है।
लॉयन सफारी में एक ऊंचाई वाले हिस्से व्यू पाइंट के रूप में Òक्लाउड 9Ó विकसित किया गया है। जहां से पर्यटक शहर का खूबसूरत नजारा देख सकेंगे। वहीं पांच हैक्टेयर में चारागाह विकसित किया गया है। पूरे परिसर में बड़े पौधे लगाए गए हैं। जो भविष्य में वन्यजीवों को छाया देंगे।
लॉयन सफारी में प्रवेश शुल्क जैविक उद्यान व सज्जनगढ़ पैलेस से अलग होगा। शुरुआत में यहां पर्यटकों को घुमाने की व्यवस्था पायलट प्रोजेक्ट के रूप में संचालित की जाएगी। इसके तहत 160 रुपए प्रति व्यक्ति टिकट शुल्क के प्रस्ताव विभाग के उच्चाधिकारियों को भेजे गए हैं। विभाग की अनुमति के अनुसार छह, सात व आठ पर्यटकों की क्षमता वाली जिप्सी का संचालन किया जाएगा।
लॉयन सफारी के साथ ही सज्ज्नगढ़ जैविक उद्यान में बनाए गए रेप्टाइल हाउस का भी उद्घाटन होगा। जहां पर्यटक सरिसृप प्राणियों को देख व जान पाएंगे। इसमें देशी एवं विदेशी प्रजातियों के दुर्लभ प्राणियों को रखा जाएगा। किंग कोबरा रेप्टाइल हाउस का मुख्य आकर्षण होगा। कर्नाटक के पिलिकुला बायोलॉजिकल पार्क से किंग कोबरा लाया जाएगा। जिसके लिए राष्ट्रीय चिडि़याघर प्राधिकरण की मंजूरी का इंतजार है।
लॉयन सफारी का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। जल्द ही इसका उद्घाटन करवाया जाएगा। इसके बाद उदयपुर में आने वाले पर्यटक लॉयन को खुले में घूमते हुए देख पाएंगे। गुजरात से लाए गए लॉयन के जोड़े को इसमें छोड़ा जाएगा।
- देवेंद्र कुमार तिवारी, उपवन संरक्षक (वन्यजीव)
Updated on:
26 Nov 2024 11:03 am
Published on:
26 Nov 2024 11:02 am
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