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सुरक्षा कवच से कम नहीं है सोडियम हाइपोक्लोराइट सोल्यूशन

- संक्रमित स्थानों, सतह को साफ करने के लिए सबसे बेहतर है तरीका - इस तरल से की जाती है सफाई

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सुरक्षा कवच से कम नहीं है सोडियम हाइपोक्लोराइट सोल्यूशन

सुरक्षा कवच से कम नहीं है सोडियम हाइपोक्लोराइट सोल्यूशन

उदयपुर. जैसे शरीर की सुरक्षा के लिए हम मास्क लगाते हैं, हाथों में इन दिनों सेनेटाइजर्स का इस्तेमाल करते हैं वैसे ही सोडियम हाइपोक्लोराइट सोल्यूशन हमारी सुरक्षा के लिए किसी कवच से कम नहीं है। बाजार में अब ये भी बड़ी मुश्किल से मिल रहा है। इन दिनों कोरोना वायरस की धमक के बाद इसकी मांग यकायक बढ़ी है, हालांकि चिकित्सालयों में इसे संक्रमण रोधी होने के कारण नियमित इस्तेमाल किया जाता है।

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एक क्लोरीन यौगिक...

डॉ राजवीरसिंह ने बताया कि ..सोडियम हाइपोक्लोराइट एक क्लोरीन यौगिक है, जिसे अक्सर एक निस्संक्रामक या विरंजन एजेंट के रूप में उपयोग किया जाता है। सोडियम हाइपोक्लोराइट संक्रमित क्षेत्र या जगह को साफ करने के लिए एक डिसइन्फेक्टेंट के रूप में उपयोग किया जाता है। हैंड सेनेटाइजर में आइसोप्रोपाइल एल्कोहल आता है, ज्यादातर एंटीसेप्टिक के रूप में इस्तेमाल करते हैं। वाणिज्यिक ब्लीच, सफाई के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है, ये एक कीटाणुनाशक के घटक हैं। ये एक किटाणु नाशक है।

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वर्तमान में हॉस्पिटलों से लेकर घरों में इसका इस्तेमाल किया जाता है।

- १ प्रतिशत वाला बाजार में ८ से १० रुपए प्रति लीटर - ५ प्रतिशत वाला बाजार में १८ से २० रुपए प्रति लीटर-

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एेसे तैयार करते है सोल्यूशन- डॉ राहुल जैन ने बताया कि सोडियम हाइपोक्लोराइट सोल्यूशन को तैयार करने के लिए ५ प्रतिशत वाला इस्तेमाल किया जाता है, ताकि इसमें तीन से चार गुना पानी मिलाकर पोछा लगाने, रेलिंग साफ करने, किवाड़ों के हैंडल साफ करने में इस्तेमाल किया जाता है। - यदि एक प्रतिशत वाला है तो इसे सीधे ही इस्तेमाल किया जाता है, इसमें पानी मिलाकर उपयोग नहीं करते हैं। - ये एक ब्लिचिंग पावडर के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।

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- हॉस्पिटल के क्लिनिकल एरिया में जहां कोरोना संक्रमित क्षेत्र माना जाता है, वहां कभी जाडू का इस्तेमाल नहीं किया जाता। - धूल के कण, फर्नीचर के नीचे, कमरे के कोनो में ब्रश से इसे हटाकर इस पर हाइपोक्लोराइट सोल्यूशन से पोछा लगाया जाना चाहिए। - फर्श, सिलिंग व दीवारों पर इस सोल्यूशन का उपयोग करने से एक भी किटाणु नहीं रहता।

- दरवाजों व कुंडियों को साफ कपड़ा लेकर सोल्यूशन में भिगाकर इसे घुमाते हुए साफ करना चाहिए।

- खिड़कियों, घर की वस्तुओं, हॉस्पिटल में पलंग, वहां पड़ी वस्तुओं को भी इससे साफ किया जाना चाहिए। - घर हॉस्पिटल में प्रवेश द्वार, सीढि़यों की रेलिंग, लैब व वहां की नियमानुसार सामग्री।

- दर्पण व खिड़कियों पर लगे कांच को साफ किया जाना चाहिए।

- घर व हॉस्पिटल के पर्दे, गद्दे, तकिए व उसके कवर को भी इससे धोया जा सकता है।

- शौचालयों, बरामदों, दालानों में इसे उपयोग किया जाता है।

- सोडियम हाइड्रोक्लोराइट का उपयोग कैदियों की बैरक, कमरों में भी किए जाने के है।

- पंखों को भी साफ किया जा सकता है।- मेज, कुसी।-

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कीटाणुशोधन के लिए सरकार के निर्देश: - इससे ना सिफ गंध जाती है, बल्कि वातावरण भी स्वच्छ होता है। - सांस की बीमारियों के लिए यह बेहद जरूरी है ताकि धूल, मिट्टी या खतरनाक गंद से बचा जा सके।

- एक बार इसका इस्तेमाल अधिकतम ४८ घंटे तक रहता है। ये रोगाणुरोधी है। -

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सोडियम हाइपोक्लोराइड का इस्तेमाल बेहतर होता है, ये किटाणुरोधी होता है, इसे घर से लेकर हॉस्पिटल में इस्तेमाल करने से संक्रमण का खतरा कम हो जाता है।

डॉ रमेश जोशी, उपाधीक्षक महाराणा भूपाल हॉस्पिटल उदयपुर