
न आचार संहिता का डर न खर्च की कोई सीमा। लक्ष्य बस एक, हर कीमत पर चुनावी मैदान मारकर खुद को साबित करना। छात्रसंघ चुनाव में भाग्य आजमा रहे उम्मीदवार इन दिनों कुछ एेसा ही कर रहे हैं। छात्रों को रोजाना बल्क एसएमएस भेजकर रिझा रहे हैं। अपने समर्थन में वोट के लिए नोट की गठरी खोले बैठे हैं।
यही नहीं शहर में 30 से अधिक रेस्टारेंट-भोजनालय छात्रों के लिए खोल रखे हैं, जहां विद्यार्थियों के समूह सुबह-शाम लजीज भोजन कर उम्मीदवारों से उपकृत हो रहे हैं। कुछ उम्मीदवार तो आस-पास के प्राकृतिक स्थलों पर घुमाने का इंतजाम तक कर रहे हैं। यानी कि सैर-सपाटे से लेकर खाना-पीना व मौज मस्ती कॉलेज छात्रों की दिनचर्या का हिस्सा बने हुए हैं।
छात्रसंघ मैदान में खड़े उम्मीदवार मैसेज लिखने-लिखवाने में शास्त्रों के ज्ञान से भी एक कदम आगे हैं। वक्त कम है दम लगा दो, मैं जगाता हूं, कुछ को तुम जगा दो। कुछ किए बिना जय-जयकार नहीं, हिम्मत करने वालों की हार नहीं। संघर्ष इंसान को मजबूत बनाता है, फिर चाहे वो कितना भी कमजोर क्यूं न हो। मनुष्य अपने विश्वास से निर्मित होता है, जैसा वो विश्वास करता है वैसा वो बन जाता है। जैसे ही भय आपके पास आए, उस पर आक्रमण कर उसे नष्ट कर दीजिए। महान सपने देखने वालों के महान सपने हमेशा पूरे होते हैं। जैसे संदेश आ रहे हैं।
उम्मीदवारों को इतने उपदेशात्मक संदेशों से कोई सरोकार नहीं, लेकिन तीज-त्योहार की बधाई व गुड मार्निंग व गुड नाइट के संदेश भी कर रहे हैं। छात्रसंघ चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है माहौल और खर्च बढ़ता जा रहा है। लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन सब जानकार अनजान बने बैठा है। यह तक पता है कि चुनावी खर्च खुलेआम किया जा रहा है। यह खर्च किसी कीमत पर चुनाव खर्च में नहीं दर्शाया जाएगा।
चुनाव का लेखा-जोखा
सुखाडि़या व महाराणा कृषि विश्वविद्यालय में चुनाव - 17 अगस्त
कुल मतदाता - 14 हजार
केन्द्रीय छात्रसंघ अध्यक्ष के अलावा कॉलेज के उम्मीदवार - 42
समर्थकों के लिए चल रहे भोज आयोजन - 30 जगह
प्रति उम्मीदवार खर्च का ब्योरा - पांच हजार रुपए मात्र
एक समय का भोजन आ रहा खर्च - 20 से 25 हजार
चाय नाश्ता खर्च - पांच से सात हजार
मोबाइल पर संदेश का खर्च- प्रति एक हजार संदेश पर दो हजार रुपए का खर्च
Published on:
10 Aug 2016 01:51 pm
बड़ी खबरें
View Allशहडोल
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
