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सीएस में इसी माह यदि कराएंगे रजिस्ट्रेशन तो होगा स्टूडेंट्स को ये लाभ, पढ़ें ये खबर..

सीएस में दिसम्बर में जो स्टूडेंट पंजीकृत होगा, उसे पूरा पैसा वापस मिल जाएगा।विद्यार्थियों के बचेंगे 8500 रुपए

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उदयपुर . भारतीय कंपनी सचिव संस्थान (आईसीएसआई) ने इसके सीएस कोर्स के फाउंडेशन व एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम के लिए दिसम्बर में रजिस्ट्रेशन करवाने वाले मेधावी व आर्थिक रूप से पिछड़े छात्रों के लिए 100 प्रतिशत फीस रिफंड की योजना की शुरुआत की है। आमतौर पर प्रवेश में 8500 रुपए लगते हैं, लेकिन जो दिसम्बर में पंजीकृत होगा, उसे पूरा पैसा वापस मिल जाएगा। आईसीएसआई के स्वर्ण जयन्ती वर्ष के दौरान संस्थान ने यह पहल उन प्रतिभावान व आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए की है, जो उच्च शिक्षा का खर्च वहन नहीं कर सकते हैं। यह पहल उन्हें कंपनी सचिव जैसे प्रतिष्ठित कोर्स में आगे बढऩे में मदद करेगी। सीएस कोर्स की फाउंडेशन स्टेज के लिए योजना 10प्लस2 में 70 प्रतिशत अंक वाले वाले छात्रों के लिए एवं स्नातक में 60 प्रतिशत अंक वाले छात्रों के लिए रहेगी। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग में फाउण्डेशन के लिए 10 प्लस 2 में 55 प्रतिशत अंक व एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम के लिए स्नातक में 50 प्रतिशत अनिवार्य रहेंगे।

आईसीएसआई के प्रेसिडेंट सीएस श्याम अग्रवाल ने इसे आशावादी कदम बताते हुए शुरुआत की है, ताकि आर्थिक रूप से कमजोर व मेधावी छात्रों को सशक्त बनाने की राह आसान होगी।
अजय साम्भयाल, प्रभारी, उदयपुर चैप्टर ऑफ एनआईआरसी (आईसीएआई)

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डीईओ को कमजोर बच्चों ने किया नाराज

उदयपुर. जिला शिक्षा अधिकारी नरेश डांगी (माध्यमिक और प्रारंभिक) ने शुक्रवार को भी दो विद्यालयों का निरीक्षण किया, बच्चों के कमजोर शैक्षणित स्तर पर उन्होंने खासी नाराजगी जताई। डांगी ने बताया कि वह राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय भानसोल पहुंचे, यहां सातवी कक्षा के बच्चों को 1/16, 1/2, ़1/4 और 1/8 में से कौनसा बड़ा और कौनसा छोटा है, सवाल किया। पूरी कक्षा में से एक भी बच्चा इसका सही उत्तर नहीं बता पाया। उन्होंने इस पर गहरी नाराजगी जताई। शिक्षक योगेशकुमार सिंधी को कारण बताओ नोटिस जारी किया। इसी प्रकार राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बडिय़ार में पहुंचे। यहां सातवीं कक्षा के विद्यार्थियों को चाल और गति सहित विज्ञान विषय के कई सवाल किए। अधिकांश बच्चों ने इसके उत्तर दे दिए। डीईओ डांगी ने संतुष्टि जताई, लेकिन जैसे ही वो छठी कक्षा में पहुंचे तो उन्हें हैरत हुई जब एक छात्रा स्कूल का नाम सहीं नहीं लिख पाई। हिन्दी की गई गलतियों को लेकर उन्होंने नाराजगी जताई, शिक्षिका कान्ता जैन को नोटिस देकर जवाब मांगा।