उदयपुर

Success Story : राजस्थान की सीए स्वेच्छा सिंघवी ने दुर्गम रास्तों को पार कर फतह किया एवरेस्ट, जानें इनकी सफलता का राज

एक दिन का रास्ता पार करने के बाद दूसरे दिन के लिए बस सोचती कि अब नहीं हो पाएगा। लेकिन हर दिन नए उत्साह और उमंग के साथ एवरेस्ट फतह करने के लिए आगे बढती गई। व्यक्ति शरीर से भले थक जाए लेकिन कभी मानसिक रूप से नहीं थकना चाहिए।

उदयपुरApr 24, 2024 / 12:09 pm

Kirti Verma

Success Story : एक दिन का रास्ता पार करने के बाद दूसरे दिन के लिए बस सोचती कि अब नहीं हो पाएगा। लेकिन हर दिन नए उत्साह और उमंग के साथ एवरेस्ट फतह करने के लिए आगे बढती गई। व्यक्ति शरीर से भले थक जाए लेकिन कभी मानसिक रूप से नहीं थकना चाहिए।
यह कहना है एवरेस्ट फतह करने वाली 40 वर्षीय सीए स्वेच्छा सिंघवी का। सिंघवी ने कहा कि एवरेस्ट फतह करने में दुर्गम रास्तों को पार करना पड़ा, माइनस तापमान सहना पड़ा लेकिन हौसले ठंडे नहीं पड़ने दिए। इसी का परिणाम है कि एवरेस्ट पार करने में सफलता मिली। अब आगे विश्व के सात बड़ी चोटियों का फतह कर विश्व में भारत का नाम रोशन करने का लक्ष्य है।
बेटी पर गर्व है
स्वेच्छा के पिता सीए (डॉ) श्याम सिंघवी ने बताया कि स्वेच्छा वर्तमान में बेंगलुरु में चार्टर्ड अकाउंटेंट है। वे देश के पहले चार में केएमपीजी में निदेशक के रूप में कार्यरत है। यहां पर भी उन्होंने कड़ी मेहनत और लगन से वह ऊंचाइयां प्राप्त की हैं जो हर किसी के नसीब में नहीं होती है। बेटी पर पूरे परिवार को गर्व है। समारोह में सिंघवी परिवार, उनके परिजन, मित्र, दोस्त एवं शुभचिंतक शामिल हुए।
मानसिक रूप से मजबूती ही एवरेस्ट फतह का राज
सरल ब्लड बैंक की ओर से आयोजित एक सम्मान समारोह में स्वेच्छा सिंघवी का सम्मान किया गया। इस सम्मान समारोह में स्वेच्छा ने कहा कि तमाम चुनौतियों के साथ, कठिन और दुर्गम रास्तों को चीरते हुए 65 किलोमीटर लंबा और ऊंचा रास्ता उन्होंने मात्र 15 दिनों में पार कर लिया। अगर मानसिक रूप से आपकी हिम्मत और हौसला मजबूत है तो शारीरिक थकान कोई मायने नहीं रखती है। मानसिक रूप से मजबूती ही एवरेस्ट फतह की सफलता का असली राज है।

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