- कंटेनमेंट जोन की गर्भवती महिला तो सूची बनाकर तत्काल होगा स्वाब टेस्ट - गर्भवतियों की जान बचाने के लिए सरकार ने जारी की विस्तृत गाइड लाइन
भुवनेश पंड्या
उदयपुर. कंटेनमेंट, हॉट स्पॉट व क्लस्टर एरिया के अधीन ऐसी गर्भवती महिलाएं जिनकी आगामी दो सप्ताह में प्रसव की संभावनाएं हैं, उनकी सूची तैयारकर नजदीकी संस्थान पर कोविड 19 की जरूरी जांच व स्क्रीनिंग की जाएगी, ताकि प्रसव के समय उनकी रिपोर्ट के अनुसार प्रसव सेवाएं दी जा सके। मेडिकल कॉलेज व जिला चिकित्सालय जो कोविड 19 पॉजिटिव व सस्पेक्टेड हैं, उन्हें प्रसव सेवाएं दी जाएगी।
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प्रत्येक गर्भवती को गर्भधारण के साथ ही जल्द रजिस्ट्रशन करना होगा, पीसीटीएस सॉफ्टवेयर के माध्यम से लाइन लिस्टिंग तय करनी होगी। - अधिक जोखिम वाली गर्भवती महिलाएं व सामान्य गर्भवती महिलाओं का वर्गीकरण करना होगा।
- विभागीय प्रोटोकोल के अनुसार प्रत्येक गर्भवती महिला को हीमोग्लोबिन की मात्रा के अनुसार आईएफए, केल्शियम और एल्थेडांजोल की गोलियां उनके घर पर ही आंगनबाड़ी केन्द्र के माध्यम से अन्यथा चिकित्सा संस्थानों के माध्यम से उपलब्ध करवानी होगी।
- अधिक जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं को निकटवर्ती स्वास्थ्य केन्द्र पर एएनसी जांच के लिए 104 जननी एक्सप्रेस वाहन द्वारा भेजा जा सकता है। - सभी ब्लड बैंक, ब्लड स्टोरेज यूनिट को क्रियाशील रखना जरूरी है, इसके लिए मांग के अनुसार आपूर्ति भी होनी चाहिए। - जिले में उपलब्ध विशेषज्ञ सेवाएं गर्भवती महिलाओं को समय पर प्राप्त हो सके व अधिक जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं को समुचित संस्थान पररेफर किया जा सके यह तय करना होगा ताकि समय पर आपातकालीन सेवा प्राप्त हो सके।
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प्रसव सेवाएं: - सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र व उप जिला चिकित्सालयों पर सामान्य प्रसव सेवाएं उपलब्ध की जानी चाहि। - सभी केन्द्रों पर प्रसव पूर्व सेवाएं, सामान्य प्रसव व नवजात शिशु सेव ाएं सभी महिलाओं को दी जानी है, जो कोरोना जांच में नेगेटिव आती है। - सभी मेडिकल कॉलेज, जिला चिकित्सालय व क्रियाशील एफआरयू केन्द्रों पर कॉन्प्रिहेंसिव आपातकालीन सिजेरियन प्रसव सेवाए भी सम्मिलित हैं।
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ये रहेंगी सस्पेक्टेड यानी संदिग्ध गर्भवती महिलाएं - जिन्होंने हॉटस्पॉट, क्लस्टर या कंटेनमेंट जॉन की यात्र की हो। - जो किसी कोविड 19 वाले व्यक्ति के संपर्क में रही हो। - जिनमें कोविड-19 के लक्षण जैसे बुखार, सांस लेने में परेशानी व गले में खराश हो - वे गर्भवती महिलाएं जिनका इम्यूनोलॉजिकल सिस्टम कमजोर हो। - वे गभवती महिलाएं जिनमें सारी या आईएलआई के लक्षण हो।
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प्राइवेट हॉस्पिटल के लिए...
- सभी प्राइवेट हॉस्पिटल को प्रसव सेवाएं जरूरत पर देनी होगी। - यदि सेवा के दौरान कोई कोरोना पॉजिटिव है तो हॉस्पिटल को तत्काल डिसइन्फेक्शन व वायरस के कंटेनमेंट के लिए बंद कर जरूरी गतिविधियां संभादित करनी होगी । - निजी चिकि त्सालय को तय करना होगा कि वे भर्ती के समय गर्भवती महिलाओं को तीन श्रेणियों में विभाजित करें। इनमें पहला कोविड-19 के कोई लक्षण नहीं हो, दूसरा कोविड-19 से जुड़े लक्षण हो, तीसरा सिंम्टोमेटिक केस जिनकी जांच नहीं हुई। -
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प्रसव की तय तिथि के 15 दिन में यदि प्रसव हो जाता है, तो ऐसी गर्भवती महिलाएं जो हॉट स्पॉट, कंटेनमेंट जोन या क्लस्टर एरिया में आगामी 15 दिनो में प्रसव होने वाला है या कोइ्र कोविड - 19 के लक्षण नहीं है तो भी कोरोना की जांच होगी।
- इन क्षेत्रों से आई गर्भवती महिला की जांच उस चि कित्सालय मे ंही की जानी है, जहां प्रसव होगा, नमूना लेकर प्रयोगशाला भेजा जाएगा। प्रसव बाद में आयरन फोलिक एसिड कैलियम की गोलिया दी जानी है, किसी परिस्थिति में यदि घरेलू प्रसव होता है तो प्रशिक्षित चिकित्साकर्मी द्वारा तुरंत घर जाकर प्रसूता व जवजात शिशु को जरूरी देखभाल की जानी है। -
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नई गाइडलाइन के अनुरूप कार्य करना जरूरी है ताकि किसी भी गर्भवती का सुरक्षित प्रसव हो सके।
डॉ मधुबाला चौहान, अधीक्षक जनाना हॉस्पिटल उदयपुर