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Udaipur Tourism: उदयपुर को क्यों कहा जाता है दुनिया का खूबसूरत शहर, इस वजह से यहां बार-बार आना चाहते हैं पर्यटक

Udaipur Tourism: दुनिया के सबसे खूबसूरत शहरों में से एक उदयपुर में जब सुबह झील के किनारे या प्रकृति के बीच बने रिसॉर्ट में चाय के साथ पर्यटन की कहानी शुरू होती है तो एक नए सपनों के संसार का अनुभव होता है।

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Udaipur Tourism: झीलों, पहाड़ियों और महलों के बीच बसा उदयपुर शहर अब केवल घूमने का ठिकाना नहीं, बल्कि अतिथि देवो भव: का प्रतीक है। यहां पर्यटन महज व्यवसाय नहीं, बल्कि ऐसी परंपरा जिसमें मेहमान का स्वागत आत्मीयता से होता है। इस कारण लेकसिटी के नाम से जाना जाने वाला उदयपुर शहर देश-दुनिया के पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र बन गया है।

झीलें, महल और विरासत उदयपुर की पहचान हैं, पर पर्यटकों को बार-बार यहां खींच लाती है मेवाड़ की मेहमाननवाजी। सदियों से आतिथ्य, विनम्र सेवा और सांस्कृतिक गरिमा मेवाड़ की पहचान रही है, जिसे आधुनिक दौर में होटल, रिसॉर्ट, होमस्टे और ईको-स्टे नए सांचे में ढाल रहे हैं।

व्हाइट सिटी के नाम से फेमस है उदयपुर

दुनिया के सबसे खूबसूरत शहरों में से एक उदयपुर में जब सुबह झील के किनारे या प्रकृति के बीच बने रिसॉर्ट में चाय के साथ पर्यटन की कहानी शुरू होती है और रात की रोशनी में सिमटती है तो एक नए सपनों के संसार का अनुभव होता है। व्हाइट सिटी के नाम से फेमस उदयपुर को पूर्व का वेन‍िस भी कहा जाता है।

New Year 2026: नए साल का जश्न मनाने के लिए जमकर बुकिंग

इस समय उदयपुर पर्यटकों से गुलजार है। नव वर्ष 2026 के स्वागत को लेकर झीलों की नगरी में जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं। नए साल का जश्न मनाने के लिए देशी-विदेशी पर्यटक पहले से ही जमकर बुकिंग कर रहे हैं। उदयपुर के करीब 80 प्रतिशत होटल पहले ही फुल हो चुके हैं।

Rajasthan Tourism: 'पधारो म्हारे देश' सिर्फ नारा नहीं, संस्कार

मेवाड़ की मेहमाननवाजी महज फाइव-स्टार होटलों या शाही रिसॉर्ट्स तक सीमित नहीं है। यहां का हर शख्स चाहे वह होटल स्टाफ हो, गाइड हो, टै€क्सी ड्राइवर हो या लोक कलाकार, अतिथि सत्कार की इस परंपरा का हिस्सा है।

सैलानी यहां सिर्फ किले-महल नहीं देखते, बल्कि राजस्थानी मुस्कान, लोकगीत, पारंपरिक भोजन और इंसानी अपनापन अनुभव करते हैं। इसी कारण, पावणों के सम्मान में लंगा-मांगणियार लोकगीत से मनोरंजन करते हैं।

विरासत से बुटीक हॉस्पिटैलिटी तक बदलता परिदृश्य

उदयपुर ने पिछले एक दशक में हॉस्पिटिलिटी के क्षेत्र में बड़ा बदलाव देखा है। जहां पहले विरासत होटल, हेरिटेज होटल ही पहचान थे, वहीं अब बुटीक होटल, होमस्टे और हेरिटेज हवेलियां, आलीशान टेंट रिसॉर्ट, वेलनेस और स्पिरिचुअल रिट्रीट, ईको-फ्रेंडली रिसॉर्ट तेजी से उभर रहे हैं।

यहां आने वाले पर्यटक सिर्फ ठहरना नहीं चाहते, अनुभव चाहते हैं। लोक संस्कृति से जोड़कर डिनर, झील किनारे निजी अनुभव, राजस्थानी कुकिंग क्लास, फोक आर्ट और पेटिंग वर्कशॉप पर्यटकों को न भूलने वाला अनुभव दे रहे हैं।

Traditional Food in Udaipur : भोजन है आवभगत की आत्मा

मेवाड़ का आतिथ्य बिना भोजन के अधूरा है। दाल-बाटी-चूरमा, गट्टे की सब्जी, केर-सांगरी, मिर्ची बड़ा जैसे व्यंजन अब सिर्फ स्वाद नहीं, बल्कि फूड ए€क्सपीरियंस बन गए हैं। होटल और रिसॉर्ट लोकल फूड कॉन्सेप्ट, ऑर्गेनिक सामग्री और पारंपरिक रेसिपी का मॉडर्न ट्विस्ट अपना रहे हैं। यह बदलाव सिर्फ स्वास्थ्य ही नहीं, बल्कि मेवाड़ की पहचान को भी मजबूत बना रहा है।

टेक्नोलॉजी से अनुभव कस्टमाइज्ड

  • एआइ आधारित बु​किंग सिस्टम
  • डिजिटल कंसीयर्ज सर्विस
  • वर्चुअल होटल टूर
  • पर्सनलाइज्ड गेस्ट एक्सपीरियंस

स्वाद में परंपरा, सोच में भविष्य

  • दाल-बाटी: सांस्कृतिक पहचान
  • केर-सांगरी: स्थानीय जुड़ाव
  • ऑर्गेनिक फूड: स्वास्थ्य और पर्यावरण
  • फ्यूजन व्यंजन: बदलती अपेक्षाएं

उदयपुर में ए€क्सपीरियंस के 24 घंटे

सुबह 6 से 9- पहला इंप्रेशन: सुबह की ठंडी हवा, झील से उठती नमी और होटल स्टाफ का सहज 'गुड मॉर्निंग'।

सुबह 9 से 11- स्वाद जो संस्कृति बताए: उदयपुर के अतिथि सत्कार का सबसे मजबूत स्तंभ है यहां का खानपान। दाल-बाटी, गट्टा, केर सांगरी पर्यटक चाव से खाते हैं। ऑर्गेनिक सामग्री, सीमित मेन्यू और परंपरागत स्वाद। यहां होटल इंडस्ट्री लोकल फूड को अलग पहचान दे रही है।

दोपहर 11 से 3- विरासत के साथ कारोबार: हेरिटेज होटल उदयपुर की ताकत हैं, लेकिन इनके रखरखाव की लागत सामान्य होटलों से कहीं ज्यादा है। पर्यटक शांति, निजी अनुभव और इतिहास को करीब से जानना चाहता है। इसी कारण होटल-रिजॉर्ट ज्यादा अनुभव पर जोर दे रहे हैं।

शाम 3 से 6- सुकून की शाम: रूफटॉप कैफे, झील किनारे बैठना, धीमी बातचीत यही समय मेहमान को शहर से जोड़ता है। शाम को पर्यटक पसंदीदा जगह घूमते हैं।

रात 7 से 10- रॉयल डिनर: इसमें लोक नृत्य, लाइव म्यूजिक, थीम डिनर सब कुछ मौजूद है। देर रात पर्यटक संगीत के साथ देसी भोजन का लुत्फ उठाते हैं। यही डिनर रॉयल बन जाता है।

Hotels In Udaipur: हॉस्पिटैलिटी स्नैपशॉट

  • 1500 होटल, रिसॉर्ट और हेरिटेज प्रॉपर्टी
  • 20-25 लाख पर्यटक प्रतिवर्ष
  • 18-22 फीसदी विदेशी पर्यटकों की हिस्सेदारी
  • 50,000 लोगों को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रोजगार
  • 2500 से 5 लाख तक के लग्जरी होटल रूम

मेवाड़ की पाग, ढोल-नगाड़े और परंपरागत वेलकम

लेकसिटी में पर्यटकों का स्वागत राजस्थानी परंपरा के अनुरूप तिलक, फूलों की माला और मेवाड़ की पाग पहनाकर होता है। दुनिया के कई पर्यटन स्थलों में समय के साथ मौलिकता खो गई, लेकिन उदयपुर आज भी अपनी पहचान बनाए हुए है। यहां जैन-जी से लेकर लग्जरी, हेरिटेज, बुटीक और हर वर्ग के लिए अलग अनुभव मौजूद है। बेहतर एयर-रेल कनेक्टिविटी
और हर श्रेणी के होटल की उपलब्धता से पर्यटक हर साल बड़ी संख्या में लेक सिटी का रुख कर रहे हैं।

  • अरुण नैय्यर, हॉस्पिटैलिटी एक्सपर्ट

अतुलनीय है मेवाड़ की मेहमाननवाजी

मैं पिछले 50 वर्षों से हॉस्पिटैलिटी सेवा से जुड़ा हूं। कई देशों में घूम चुका हूं, लेकिन दुनिया में उदयपुर जैसा शहर कहीं नहीं है। लेकसिटी की सबसे बड़ी ताकत उसकी अतुलनीय मेहमाननवाजी है। झीलें, पहाड़, हेरिटेज, जंगल और समृद्ध संस्कृति उदयपुर को एक ऑल-इन-वन टूरिज्म डेस्टिनेशन बनाते हैं। एयरपोर्ट और रेलवे जैसी कनेक्टिविटी से यहां पहुंचना आसान है। कुछ सालों में शहर का इंफ्रास्ट्र€चर मजबूत हुआ है, जिसका लाभ पर्यटन उद्योग को मिला है।

  • चन्द्रभान सिंह , होटल व्यवसायी

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अरावली की पहाड़ियों से घिरा उदयपुर भव्य महलों, शांत झीलों, प्राचीन मंदिरों और रंगीन संस्कृति का अनूठा संगम है। इसीलिए हर साल देश-विदेश से आने वाले लाखों पर्यटक उदयपुर के प्रमुख पर्यटन स्थलों को देखने के यहां पहुंचते हैं और इसकी खूबसूरती में खो जाते हैं। उदयपुर के पर्यटन स्थलों के बारे में जाने के लिए पढ़ें यह खबर